एर्न्स्ट ऐबि
एर्न्स्ट कार्ल ऐबि (Ernst Karl Abbe) | |
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जन्म |
साँचा:birth date Eisenach, Saxe-Weimar-Eisenach |
मृत्यु |
साँचा:death date and age Jena, German Empire |
आवास | Germany |
राष्ट्रीयता | German |
क्षेत्र | Physicist |
संस्थान | University of Jena |
शिक्षा |
University of Göttingen University of Jena |
डॉक्टरी सलाहकार |
Wilhelm Eduard Weber Karl Snell |
डॉक्टरी शिष्य | Heinrich Friedrich Weber |
अनु उल्लेखनीय शिष्य | Gottlob Frege |
प्रसिद्धि |
Abbe refractometer Abbe number |
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एर्न्स्ट ऐबि (Ernst Abbe ; १८३५ - १९०५) जर्मन भौतिकविद, प्रकाश वैज्ञानिक, उद्यमी, तथा समाज-सुधारक था। एर्न्स्ट ऐबि, ऑटो स्कॉट (Otto Schott) तथा कार्ल जीस (Carl Zeiss) सम्मिलित रूप से आधुनिक प्रकाशिकी के संस्थापक माने जाते हैं। ऐबि ने की प्रकाशीय उपकरणों का विकास किया। वह कार्ल जीस एजी (Carl Zeiss AG) नामक कम्पनी का सह-स्वामी बना जो अनुसंधान सूक्ष्मदर्शी, खगोलीय दूरदर्शी, प्लेनेटेरियम, तथा अन्य प्रकाशीय तन्त्र का निर्माता थी।
एर्न्स्ट ऐबि का जन्म सन् १८३५ ई. में जर्मनी में हुआ। उसका बाल्यकाल बड़ा सुखद था। इससे उसकी शिक्षा दीक्षा भी निर्बाध तथा पूर्ण हुई। इसकी प्रसिद्धि विशेष रूप से सूक्ष्मदर्शक यंत्र के मंच के नीचे लगनेवाले संघनक (कंडेंसर) के कारण हुई जिसको आजकल 'ऐबीज़ सबस्टेज कंडेसर' कहा जाता है। इनकी अत्यधिक प्रसिद्धि का कारण इनका 'ज़ाइस आप्टिकल वर्क्स' नामक संस्था से निकटतम संबंध था। इस संस्था की प्रगति के ये ही मुख्य कारण थे। इस संस्था से संबद्ध रहकर इन्होंने अपने कारखाने में बने सूक्ष्मदर्शक यंत्रों में आश्चर्यजनक उन्नति की जिससे 'ज़ाइस ऑप्टिकल वर्क्स' का संसार में एक विशेष स्थान बन गया और आज उसके बने अणुदर्शक प्रथम श्रेणी के यंत्र माने जाते हैं।
इनके तत्वावधान में तथा इनके द्वारा सूक्ष्मदर्शी यंत्रों में किए गए विकासों तथा सुधारों के फलस्वरूप आज के ऊतिकी (हिस्टॉलॉजी) तथा जीवाणुविज्ञान (बैक्टीरियालॉजी) के क्षेत्रों से संबंधित अनुसंधानों में अभूतपूर्व प्रगति हुई तथा इस प्रगति के साथ-साथ चिकित्सा विज्ञान की भी महत्वपूर्ण उन्नति संभव हुई। इस महान् वैज्ञानिक की मृत्यु जर्मनी में अपने निवासस्थान पर ७० वर्ष की आयु में सन् १९०५ ई. में हुई।