एम्सटर्डम संधि
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एम्सटर्डम संधि के ज़रिए यूरोपीय संघ का विस्तार पूर्वी क्षेत्र की तरफ़ करने की शुरूआत की गई। कुछ और देशों के वीटो अधिकार ख़त्म किए गए। रोज़गार और भेदभाव पर क़ानून और सख़्त किए गए माश्ट्रिश्ट संधि का सामाजिक नीति का अध्याय अब यूरोपीय संघ के क़ानून का हिस्सा बना दिया गया। शेंगेन समझौता ने भी क़ानूनी रूप ले लिया हालाँकि ब्रिटेन और आयरलैंड इससे अब भी बाहर रहे। इससे आव्रजन और शरण लेने के मुद्दों पर यूरोपीय संघ को और ज़्यादा कहने का अधिकार मिल गया।