एम्फोटेरिसिन बी

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एम्फोटेरिसिन बी

एम्फोटेरिसिन बी एक एंटिफंगल दवा है जिसका उपयोग गंभीर फंगल संक्रमण और लीशमैनियासिस के लिए किया जाता है।[१] यह फंगल संक्रमण का इलाज करने के लिए किया जाता है[२] जिसमें एस्परगिलोसिस, ब्लास्टोमाइकोसिस, कैंडिडिआसिस, कोक्सीडायोडायकोसिस और क्रिप्टोकॉकोसिस शामिल हैं। कुछ संक्रमणों के लिए, यह फ्लुसीटोसिन के साथ दिया जाता है। यह आमतौर पर एक नस में इंजेक्शन द्वारा दिया जाता है।[१]

उपयोग

एंटी-फंगल

इसका कुछ मुख्य उपयोगों में से एक उपयोग कई तरह के फंगल संक्रमण के उपचार हेतु किया जाता है। इसके खतरनाक दुष्प्रभावों के कारण इसे केवल और केवल गंभीर संक्रमण के दौरान गंभीर रूप से बीमार मरीज के इलाज में ही उपयोग किया जाना चाहिए। यह पिछले पचास सालों से रोगजनकों के इलाज में कारगर साबित हुआ है। क्योंकि इससे रोगजनक को बचाव हेतु उस भाग का त्याग करना पड़ता है, जिससे वह मरीज के शरीर के भीतर संक्रमण फैलाने का कार्य करता है। इसके उपयोग से वह इतना कमजोर हो जाता है कि संक्रमण फैलाने में असमर्थ हो जाता है।

दुष्प्रभाव

इससे होने वाले गंभीर दुष्प्रभाव के लिए इसे काफी जाना जाता है। यह इस्तेमाल के एक से तीन घंटे के भीतर ही गंभीर दुष्प्रभाव दिखाना शुरू कर देता है। इन दुष्प्रभावों में लगातार बुखार, ठंड लगना, हाइपोटेंशन, एनोरेक्सिया, मतली, उल्टी, सिरदर्द, सांस की तकलीफ और सामान्य कमजोरी शामिल है। इसके इस्तेमाल के बाद बहुत ठंड लगने के साथ साथ बुखार में गर्मी के कारण बुरा हाल होने की स्थिति के कारण इसे "शैक एंड बैक" के नाम से भी जाना जाता है। इसके दुष्प्रभाव के कारण कभी कभी ये जानना मुश्किल हो जाता है कि बुखार या अन्य दुष्प्रभाव इस दवाई से हो रहे हैं या ये किसी बहुत तेजी से बढ़ने वाले किसी बीमारी की ओर इशारा कर रहे हैं। इस समस्या को देखते हुए यह तय किया गया कि शुरू में इस दवाई की खुराक कम रहेगी और बहुत धीरे धीरे इसे बढ़ाया जाएगा।

सन्दर्भ