एंजेरोना
एंजेरोना | |
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शॉनब्रुन गार्डन(1773–80)में होठों पर उंगली रखे हुए एंजेरोना की मूर्ति | |
अन्य नाम | एंजेरोनिया |
प्रतीक | मुँह बंद और सील, होठों पर उंगली |
जीवनसाथी | साँचा:if empty |
संतान | साँचा:if empty |
त्यौहार | दिवालिया |
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एंजेरोना या एंगरोनिया रोमन धर्म में एक पुरानी रोमन देवी थीं, जिन्हें देवी फेरोनिया के नाम से भी जाना जाता है।
विवरण
वे एक ऐसी देवी थीं जिन्होंने पुरुषों को दर्द और दुःख से मुक्त किया। इसके अतिरिक्त वे रोम की संरक्षिका भी थीं।
आधुनिक विद्वान एंजेरोना को एक्का लारेंटिया और डिया दीया या नव वर्ष की देवी तथा ढलते सूरज की देवी के रूप में भी पूजते हैं। इस देवी पर केंद्रित त्योहार डिवालिया या एंजेरोनालिया को २१ दिसंबर को मनाया जाता है। फैसुले में उन्हें अंचारिया के रूप में पूजा जाता था, जहाँ १९वीं शताब्दी के अंत में उनकी एक वेदी का पता लगा था।[१] कला द्वारा उसे होठों पर एक उँगली रखे हुए तथा मौन की माँग करते हुए दर्शाया गया है।
जॉर्जेस डूमेज़िल एंजेरोना को देवी के रूप में मानते हैं जो सर्दियों के दिनों के वार्षिक संकट को झेलने में प्रकृति और पुरुषों की सफलतापूर्वक सहायता करती है। लातिन में सजातीय शब्द एंगुस्तिया समय की एक ऐसी जगह को निर्दिष्ट करता है, जिसे शर्मनाक और दर्दनाक रूप से बहुत छोटा माना जाता है।
एंजेरोना के फेरिया ने जिसका नाम एंजेरोनालिया या दिवालिया है २१ दिसंबर को शीतकालीन संक्रांति के दिन का स्थान ले लिया है।
एंजेरोना की एक प्रसिद्ध मूर्ति जिसके मुँह पर पट्टी बँधी है और सील है तथा होठों पर उँगली रखे हुए मौन का अनुरोध करती है, एंजेरोना के मंदिर में वोलुपिया की एक वेदी पर रखी गई थी।[२]
संदर्भ
- ↑ Chisholm, Hugh, ed. (1911). "Angerona". Encyclopædia Britannica. Vol. 2 (11th ed.). Cambridge University Press. p. 8.
- ↑ साँचा:cite web