उल्का वर्षा
उल्का वर्षा (meteor shower) एक खगोलीय घटना है जिसमें किसी ग्रह पर अकाश के एक ही स्थान से बार-बार कई उल्का बरसते हुए प्रतीत होते हैं। यह उल्का वास्तव में खगोलीय मलबे की धाराओं के ग्रह के वायुमंडल पर अति-तीव्रता से गिरने से प्रस्तुत होते हैं। अधिकतर का आकार बहुत ही छोटा (रेत के कण से भी छोटा) होता है इसलिए वह सतह तक पहुँचने से बहुत पहले ही ध्वस्त हो जाते हैं। अधिक घनी उल्का वर्षा को उल्का बौछार (meteor outburst) या उल्का तूफ़ान (meteor storm) कहते हैं और इनमें एक घंटे में 1000 से अधिक उल्का गिर सकते हैं।[१][२]
आवधिक उल्का वर्षा
पृथ्वी पर समीप से गुज़रने वाले धूमकेतु अक्सर उसपर उल्का वर्षा कर सकते हैं। मसलन स्विफ़्ट-टटल घूमकेतु से सम्बन्धित उल्का वर्षा हर वर्ष मध्य-जुलाई से मध्य-अगस्त के बीच दिखती है - यह आकाश में ययाति तारामंडल क्षेत्र में दिखती है, जिसे अंग्रेज़ी में "पर्सियस कॉस्टेलेशन" कहते हैं जिस कारणवश इस वर्षा को पर्साइड्ज़ (Perseids) कहा जाता है।
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite book
- ↑ Space.com स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। The 1833 Leonid Meteor Shower: A Frightening Flurry