उर्मिला भट्ट

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उर्मिला भट्ट
जन्म साँचा:birth year
देहरादून, उत्तराखंड, भारत
मृत्यु साँचा:death date
मुंबई, महाराष्ट्र, भारत
व्यवसाय अभिनेत्री
कार्यकाल 1967–1995

उर्मिला भट्ट (जन्म: 1934, देहरादून) भारतीय फिल्म अभिनेत्री थीं, और मुख्य रूप से हिन्दी भाषा में बनी फिल्मों में काम करती थीं। इन्होंने अपने अभिनय की शुरुआत ड्रामा थियेटर में अभिनय से शुरू किया था। इसके बाद ये राजकोट के संगीत कला अकादमी में डांसर और गायिका के रूप में जुड़ीं। इस वक्त इनका गुजराती नाटक जेसल तोरण के हजारों कार्यक्रम हो चुके थे। ये 75 से भी अधिक गुजराती फिल्मों में काम कर चुकी हैं, और साथ ही 15 से 20 राजस्थानी फिल्मों में भी काम कर चुकी हैं। ये लगभग आधे दशक तक हिन्दी फिल्मों में किरदार वाले भूमिका निभा चुकी हैं। ये कई टीवी धारावाहिकों में भी काम कर चुकी हैं। इन्हें गुजरात सरकार द्वारा कई पुरस्कार और सम्मान भी मिल चुके हैं।

हिन्दी फिल्म

अपने थियेटर के करियर में सफलता प्राप्त करने के बाद इन्हों ने हिन्दी फिल्मों में काम करना शुरू किया था। लगभग 1960 के दशक में इन्होंने गौरी (1968), संघर्ष (1968), और हमराज़ (1967) में काम किया था। इनके फिल्मों में से कुछ प्रसिद्ध फिल्म अंखियों के झरोखों से (1978), गीत गाता चल (1975), बेशरम (1978), राम तेरी गंगा मैली (1985), बालिका बधू (1976), धुंध (1973) और अलीबाबा मर्जीना (1977) थे। इन फिल्मों के अलावा भी इन्होंने कई और फिल्मों में भी काम किया है। हालांकि बहुत से फिल्मों में इनका सहायक किरदार वाली भूमिका ही रहा है। इन्होंने कुल 125 हिन्दी फिल्मों में काम किया है। इसके अलावा दो प्रसिद्ध टीवी धारावाहिक: आकांक्षा (1989) और पेयिंग गेस्ट (1985) है।[१]

मौत

22 फरवरी 1997 को जुहू, मुंबई में इनके घर में ये मृत प्राप्त हुईं। ये बात तब सामने आई, जब इनके पारिवारिक दोस्त, विक्रम पारेख इनके घर इन्हें देखने आये थे। पड़ोस में रहने वाले युवक ने बताया कि नौकरनी भी सुबह घर के बेल बजा बजा कर थक के चले गई थी। विक्रम पारेख ने तुरंत उनकी बेटी, रचना को कॉल किया और उसके बाद पता चला कि घर को लूट लिया गया है और उर्मिला भट्ट मर चुकी हैं। इनके पति बरोदा में थे। पुलिस के अनुसार लूटना ही इसकी वजह हो सकता है।[२]

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ