उत्तम अच्छे का शत्रु है
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उत्तम अच्छे का शत्रु है (Perfect is the enemy of good) फ़्रान्सीसी दर्शनशास्त्री वोल्तेयर द्वारा कथित एक विसूत्र है। इस के अनुसार किसी स्थिति को उत्तम बनाने की चेष्टा अक्सर हानिकारक होती है, क्योंकि या तो वह स्वर्णिम मध्य के सिद्धांत का उल्लंघन करती है या असम्भव उत्तमता की झूठी लालसा को बहाना बनाकर किसी भी सुधार-प्रयास को रोकती है।[१][२]