अर्निंग्स पर शेयर

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आय प्रति प्रतिभूति (अंग्रेज़ी:अर्निग पर शेयर, लघु: ईपीएस) को किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति का आकलन करने में महत्वपूर्ण घटक माना जाता है। ये कंपनी के शुद्ध लाभ का वह भाग होता है जो जारी किये गए प्रत्येक प्रतिभूति (शेयर) पर आवंटित किया जाता है।[१] यह कंपनी के लाभ को प्रति शेयर के अनुसार दर्शाता है।[२][३] ईपीएस के आधार पर ही पी-ई और डिविडेंड पेआउट की गणना भी की जाती है। पी-ई बहुप्रतिभूति के लिए एक प्रकार का उपकरण है, जिसमें ईपीएस को बाजार मूल्य से भाग किया जाता है।[४] ईपीएस को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के वित्तीय विवरण में दिखाया जाता है तथा लेखा-परीक्षकों (ऑडिटर) द्वारा इसकी जांच भी की जाती है। यदि किसी कंपनी की आय १० करोड़ रुपये हैं और उसके २ करोड़ शेयर आउटस्टैंडिंग हैं, तो उसका मूल ई.पी.एस. ५ रुपये (१०० करोड़ रु. आय ÷ २ करोड़ शेयर आउटस्टैन्डिंग = ५ रु. प्रति शेयर) होगी। ये अंक महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इसके द्वारा विश्लेषकों को स्टॉक का मूल्य-आय अनुपात (प्राइस टू अर्निंग रेशियो पी-ई रेशियो) आकलन करते हैं।[५]

आकलन

इसकी गणना करने हेतु फर्म की कुल शुद्ध आय में से वरीय प्रतिभूतियों (प्रेफरेंस शेयर) को दिए जाने वाले लाभांश को घटाकर शेष राशि को जारी किए गए शेयर से भाग दिया जाता है। इसके लिए साल भर कि औसत प्रतिभूतियों को लिया जाता है।[२]

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[३][४]

इसको एक उदाहरण से समझा जा सकता है। एक कंपनी की शुद्ध वार्षिक आय १० करोड़ रुपये है। प्रेफरेंस शेयर पर लाभांश दो करोड़ रुपये है। पहले छह माह में एक लाख शेयर जारी किए गए और अगले छह माह में डेढ़ लाख जारी किये गए। ऐसे में जारी किए गए औसत शेयरों की संख्या १ लाख २५ हजार होगी। इसके लिये एक लाख और डेढ़ लाख को जोड़कर उसे दो से भाग किया गया है। अब ईपीएस के लिए आठ करोड़ रुपये को १ लाख २५ हजार से भाग कर दिया। ईपीएस की राशि ६४० रुपये आती है। कुछ कंपनियां जारी किए गए शेयरों में परिवर्तनीय वारेंट, ग्रांट व विकल्प आदि को भी जोड़ती हैं।[२]

ईपीएस को समझना महत्त्वपूर्ण होता है। किसी कंपनी के लाभ में यह महत्वपूर्ण घटक है, किन्तु लाभ में हेर-फेर संभव है।[१] इस तरह प्राप्त ईपीएस भी अशुद्ध होगा। अन्य मानकों में, एक फर्म द्वारा अर्जित नकद किसी कंपनी के मूल्य को जानने का एक महत्वपूर्ण कारक है।

सन्दर्भ

  1. ई.पी.एस (अर्निंग्स पर शेयर स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।। कार्डियल मनी मैनेजमेंट
  2. ईपीएस। हिन्दुस्तान लाइव। ९ मई २०१०
  3. ई.पी.एस. स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।- इन्वेस्टिंग आन्सर्स
  4. अर्निंग्स पर शेयर स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।- इन्वेस्टोपीडिया
  5. ई.पी.एस- बेसिक कॉन्सेप्ट्ससाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]। अबाउट.कॉम

बाहरी कड़ियाँ