इंसाफ की डगर पर
"इंसाफ़ की डगर पे" | |
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हेमन्त कुमार द्वारा एकल संगीत | |
गंगा जमुना एल्बम से | |
रिलीज़ | 1961 |
रिकॉर्डिंग | 1961 |
प्रकार | फ़िल्म संगीत, देशभक्ति गीत |
गीत लेखक | शकील बदायूँनी |
इंसाफ़ की डगर पे (नाय की राह पर) शकील बदायूँनी द्वारा रचित भारतीय गीत है। यह स्वतंत्र भारत में नये आशावाद को प्रस्तुत करने वाला देशभक्ति गीत है।[१] यह बच्चों को सम्बोधित करते हुये उन्हें भारतीय नागरीक के रूप में दायित्वों को बताता है।[२][३] यह बॉलीवुड फ़िल्म गंगा जमुना (१९६१) का फ़िल्म संगीत है। इसको हेमन्त कुमार ने गाया है।[४]
बोल
इन्साफ़ की डगर पे, बच्चों दिखाओ चल के
ये देश है तुम्हारा, नेता तुम्हीं हो कल के
दुनिया के रंज सहना और कुछ न मुँह से कहना
सच्चाइयों के बल पे आगे को बढ़ते रहना
रख दोगे एक दिन तुम संसार को बदल के
इन्साफ़ की। ..
अपने हों या पराए सबके लिये हो न्याय
देखो कदम तुम्हारा हरगिज़ न डगमगाए
रस्ते बड़े कठिन हैं चलना सम्भल-सम्भल के
इन्साफ़ की। ..
इन्सानियत के सर पर इज़्ज़त का ताज रखना
तन मन भी भेंट देकर भारत की लाज रखना
जीवन नया मिलेगा अंतिम चिता में जल के,
इन्साफ़ की। ..