इंडेक्स फंड

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

इंडेक्स फंड एक इक्विटी म्यूचुअल फंड होता है जो स्टॉक में निवेश करता है और कई स्टॉक सूचकांक यानि इंडेक्स से मिलकर बनता है जैसे भारत में बीएसई सेंसेक्स या एनएसई निफ्टी[१] इसके फलस्वरूप इंडेक्स फंड में निवेश के लिए निवेशकों को किसी विशेषज्ञ की सलाह नहीं लेनी पड़ती है। इनके द्वारा मिलने वाला रिटर्न अन्तर्निहित सूचकांक यानि अंडरलाइंग इंडेक्स द्वारा उत्पादित किए जाने वाले फंड से समीपता से जुड़ा होता है। यह फंड किसी विशेष इंडेक्स की सिक्योरिटीज में समान अनुपात में निवेश करता है। इनका का लक्ष्य बीएसई सेंसेक्स या निफ्टी जैसे लोकप्रिय सूचकांक होते हैं। ये फंड किसी विशेष सेक्टर पर आधारित भी हो सकते हैं, जैसे फार्मा, आईटी, एफएमसीजी या ऑटो सेक्टर सूचकांक आदि।[२] इन फंडों से बेंचमार्क इंडेक्स के समान ही रिटर्न मिलने की आशा होती है व इनके जोखिम भी उन सिक्योरिटीज के जोखिम के साथ ही जुड़े होते हैं जिनमें ये निवेश करते हैं। जब बाजार नीचे आते हैं तो उसमें शामिल सिक्योरिटीज के मूल्य में भी गिरावट आती है और इसके साथ ही इंडेक्स फंड भी गिरते हैं।

सक्रीय प्रबंधित निधि, यानि एक्टिवली मैनेजमेंट फंड की अपेक्षा इंडेक्स फंड का शुल्क कम होता है। इंडेक्स फंड के उपभाग, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) का मूल्य इंडेक्स फंड की अपेक्षा कम होता है। हालांकि एक्टिवली मैनेज्ड फंड और पैसिव फंड में से किसी एक में निवेश करना बेहतर रहता है, किन्तु किसी निश्चित सीमा में कुछ एक्टिवली मैनेज्ड फंड, इंडेक्स की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करते भी दिखे हैं।[१] इंडेक्स फंड सुरक्षित और दीर्घावधि में एक बेहतर विकल्प होता है, किन्तु निवेशक को चाहिये कि किसी भी फंड में निवेश करने से पूर्व पूरी जांच कर लें और अपनी आवश्यकता भी विचार कर लें तब तय करें कि कहां निवेश करना श्रेयस्कर रहेगा। प्रायः निवेशकों के मन में एक्टिव और पैसिव निवेश को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रहती है। एक्टिवली मैनेज्ड फंड इंडेक्स की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। एक्टिवली मैनेज्ड फंड में फंड मैनेजर अपनी विशेषज्ञता का प्रयोग पोर्टफोलियो में स्टॉक के चयन के लिए करता है। डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड इस श्रेणी में आते हैं। कई लोग निवेश के लिए निष्क्रिय दृष्टिकोण का सहारा भी लिया करते हैं। इसे ही इंडेक्सिंग कहा जाता है।

प्रकार

इंडेक्स फंड इक्विटी या डेब्ट दोनों प्रकार के हो सकते हैं। लंबी अवधि और कम जोखिम के निवेशकों के लिए इंडेक्स फंडों को वरीयता दी जाती है।[२] इंडेक्सिंग निवेश का एक ऐसा उपाय है जिसमें किसी विशेष शेयर बाजार बेंचमार्क या इंडेक्स के समान रिटर्न पाने का प्रयास किया जाता है। इस फंड में लक्षित इंडेक्स की लगभग सभी सिक्योरिटीज में निवेश किया जाता है।

ये फंड निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं और बाजार में इक्विटी स्कीम से मिलने वाले लाभ से कहीं अधिक होता है। इंडेक्स फंड में निवेश करने वाले अधिकांश निवेशक वे होते हैं जो बाजार के प्रतिदिन के उतार-चढ़ाव के प्रति जागरूक नहीं रह पाते हैं, व लंबी अवधि के लिए निवेश में उत्सुक रहते हैं।[२] अन्य फंडों की अपेक्षा इंडेक्स फंडों के व्यय का अनुपात और ट्रांजैक्शन की लागत कम होती है। इनमें पोर्टफोलियो में विभिन्नता लाकर जोखिम पर बेहतर नियंत्रण किया जा सकता है और फंड मैनेजर के प्रदर्शन का जोखिम कम रहता है। संस्थागत निवेशकों में इंडेक्स फंडों का प्रयोग पेंशन और इंश्योरेंस फंड करते हैं।

निवेश के लाभ

छोटे निवेशकों ने यदि किसी फंड मैनेजर के द्वारा अपना धन निवेश करने के बजाय सीधे इंडेक्स फंड में लगाया हो, तो उनको अधिक लाभ होता है। इंडेक्स फंड भी म्यूचुअल फंड ही होते हैं। निवेशकों से पैसा इकट्ठा करके ये स्टॉक मार्केट के किसी इंडेक्स में निवेश करते हैं। सक्रिय रूप से मैनेज फंड की अपेक्षा इंडेक्स फंड में निवेश काफी सस्ता भी होता है। आम फंड्स की तरह इसमें प्रबंधन शुल्क के नाम पर मोटी रकम नहीं वसूली जाती है।[३]

विशेषज्ञों के अनुसार लंबी अवधि के लिए निवेश करने वाले निवेशकों के लिए अच्छा लाभ अर्जित करने का सबसे बेहतर तरीका होता है इंडेक्स फंड या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में लगातार निवेश करना। संभव है कि इस प्रकार से उन्हें एक साथ बड़ा लाभ न मिले, लेकिन लंबे समय में कुछ न कुछ अवश्य मिलेगा।[४] उदाहरण के लिए निवेशक ने किसी ऐसे इंडेक्स में निवेश किया जिसका ऊपर जाना तय है। संभव है जल्दी में पैसे की अधिक आवश्यकता न हो, फिर भी निश्चित समय पर तय राशि निवेश करते रहना निवेशक के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है। इंडेक्स फंड के जरिए हर महीने तय राशि निवेश करते हैं। इसलिए जब बाजार गिर रहा होगा तो निवेशकों के पास अधिक यूनिट होंगी और जब बाजार तेजी पर होगा तो कम यूनिट मिलेंगी। इसके बाद भी उपलब्ध यूनिटों की वैल्यू बढ़ती ही रहेगी। सफलता के लिए आवश्यक है कि जब बाजार तेजी से गिर रहा हो तो निवेशक हताश न हों और नया निवेश करते रहें। यदि निवेशक इंडेक्स फंड में लगातार निवेश कर रहे हों तो उनके पोर्टफोलियो में स्वयमेव विभिन्नता आ जाएगी। इसलिए उन्हें सबसे ज्यादा चलने वाले स्टॉक के पीछे भागने की आवश्यकता नहीं रहती। इंडेक्स फंड का चुनाव करने पर किसी भी विशेष क्षेत्र में ज्यादा निवेश करने से सरलता से बचा जा सकता है। अर्थव्यवस्था में मजबूती के साथ लाभ भी मिलेगा।

इंडेक्स फंड में निवेश से होने वाला लाभ इंडेक्स की तेजी पर निर्भर करता है।[४] यदि लगातार निवेश करते जाते हैं और पैसा नहीं निकालते हैं तो लाभ से निवेश पर संयुक्त मुनाफा मिलता है। लंबी अवधि के निवेश करने में होने वाले लाभ पर टैक्स भी नहीं चुकाना पड़ता है। फंड प्रबंधन के तौर होने वाला खर्च बहुत कम होता है।

सन्दर्भ

  1. इंडेक्स फंड स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।|हिन्दुस्तान लाइव। १० दिसम्बर २००९
  2. इन्डेक्स फंड क्या है ?साँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]। लाभ लक्ष्मी। ७ अगस्त २००८
  3. निवेशकों को बड़ी उम्मीदें होती हैं फंड मैनेजर सेसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]। बिज़्नेस भास्कर। ३० अक्टूबर २००९
  4. कम जानकारी हो तो चुनें इंडेक्स फंडसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]। बिज़्नेस भास्कर। २३ अक्टूबर २००९

बाहरी कड़ियाँ