आर्चीबाल्ड ब्लेयर
आर्चीबाल्ड ब्लेयर | |
|---|---|
| Born | स. 1752 बेफोर्ड, इंग्लैंड |
| Died | साँचा:death date कॉर्नवाल, इंग्लैंड |
| Occupation | नौ-सर्वेक्षक और आविष्कर्ता |
| Employer | साँचा:main other |
| Organization | साँचा:main other |
| Agent | साँचा:main other |
| Known for | अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का नौ-सर्वेक्षण |
Notable work | साँचा:main other |
| Opponent(s) | साँचा:main other |
| Criminal charge(s) | साँचा:main other |
| Spouse(s) | साँचा:main other |
| Partner(s) | साँचा:main other |
| Parent(s) | स्क्रिप्ट त्रुटि: "list" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।साँचा:main other |
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आर्चीबाल्ड ब्लेयर (अंग्रेजी: Archibald Blair; 1752–1815) एक नौ-सर्वेक्षक[१] और बॉम्बे मरीन में लेफ्टिनेंट थे।[२] अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी का नाम इन्हीं के नाम पर पोर्ट ब्लेयर रखा गया है।
आरंभिक जीवन
ब्लेयर ने बॉम्बे मरीन में भर्ती होकर, 1771 में अपना पहला कमीशन प्राप्त किया था और 1792 में उन्हें पदोन्नत करके कप्तान बनाया गया। 1772 में, एक मिडशिपमैन के रूप में, वह भारत, ईरान और अरब के तटों पर अपने पहले सर्वेक्षण अभियान पर गए थे। 1780 में वह उस जहाज पर लेफ्टिनेंट थे जिसे, केप ऑफ गुड होप के पास एक फ्रांसीसी युद्धपोत ने अपने कब्ज़े में ले लिया था। उन्हें 1784 तक फ्रांसीसियों द्वारा बंदी बनाकर रखा गया था, इसके बाद उन्होंने उन्हें डचों को सौंप दिया, जिन्होंने उसी वर्ष उन्हें बॉम्बे मरीन को वापस सौंप दिया। लंबी कैद और भुगती गयी पीड़ा के एवज में उन्हें £200 की अच्छीखासी धनराशि दी गई थी। 1786 और 1788 के बीच उन्होंने चागोस द्वीपसमूह, कलकत्ता के दक्षिण में स्थित डायमंड हार्बर और हुगली नदी के आस-पास के हिस्सों में कई सर्वेक्षण अभियानों में भाग लिया।[३]
अंडमान अभियान
अंडमान द्वीप समूह के लिए उनकी पहली सर्वेक्षण यात्रा दिसंबर 1788 और अप्रैल 1789 के बीच हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप भारत के गवर्नर-जनरल ने समुद्री डाकुओं के खिलाफ युद्ध में एक सुरक्षित बंदरगाह प्रदान करने के लिए द्वीपों को उपनिवेश बनाने का फैसला किया। ब्लेयर ने वाइपर और एलिजाबेथ में द्वीपों का सर्वेक्षण किया, दक्षिण अंडमान द्वीप पर बढ़िया प्राकृतिक बंदरगाह की खोज की, जिसे उन्होंने शुरू में पोर्ट कॉर्नवालिस नाम दिया (जिसे बाद में बदलकर पोर्ट ब्लेयर कर दिया गया), और खाड़ी में चैथम द्वीप पर एक किले की स्थापना की। इन द्वीपों पर वापस आकर उन्होंने सफलतापूर्वक एक स्थायी बस्ती स्थापित की, जिसके कुछ निवासी सज़ायाफ्ता कैदी थे। 1792 में ब्लेयर को इस बस्ती को उत्तरी अंडमान द्वीप में स्थानांतरित करने और इसकी कमान मेजर कीड को सौंपने का आदेश दिया गया था।
उनका नाम दक्षिण चीन सागर के कुछ सर्वेक्षण मानचित्रों पर ब्लेयर हार्बर के रूप में भी दिखाई देता है: 1805 में प्रकाशित मलय प्रायद्वीप का उनका अपना चार्ट, स्थल को "ए गुड हार्बर" के रूप में दिखाता है[४], हालांकि इससे पहले बड़े पैमाने पर "ब्लेयर बंदरगाह की योजना" 1793 में प्रकाशित हुई थी।
इंग्लैंड वापसी
1795 में ब्लेयर वापस इंग्लैंड लौट आए। उन्हें मई, 1799 में रॉयल सोसाइटी का फेलो चुना गया, उनकी उम्मीदवारी के उद्धरण में उन्हें "आर्चीबाल्ड ब्लेयर बेफोर्ड के एस्क्वायर, हर्ट्स, बॉम्बे में ईस्ट इंडिया कंपनी की समुद्री स्थापना पर कप्तान, एक सज्जन अपने पेशे में और खगोलीय अवलोकन के लिए प्रतिष्ठित और अंडमान में एक प्रतिष्ठान बनाने में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा नियुक्त किया गया"[५] बताया गया था। उन्होंने 1799 में लंदन में सोसाइटी के लिए अंडमान द्वीप समूह पर अपना लेख पढ़ कर रिकॉर्ड कराया था। 1800 में सेवानिवृत्त होकर, वह बेफोर्ड, हर्टफोर्डशायर में बस गए।
1803 में उन्हें इंग्लैंड में ईस्ट इंडिया कंपनी से सरकारी कमीशन प्राप्त हुई जो उनके द्वारा 'कपास की पैकिंग में सुधार करने वाली एक मशीन' के आविष्कार का इनाम थी, और यह कमीशन उन्हें कंपनी द्वारा बॉम्बे से निर्यात की जाने वाली सारी कपास पर मिलती थी।"
1814 में उन्हें पोर्थलेवेन हार्बर कंपनी, कॉर्नवाल में कार्मिक निदेशक का पद दिया गया। यहीं पर उन्होंने पोर्थलेवन में बंदरगाह की दीवार का निर्माण और एक सुरक्षित बंदरगाह का निर्माण जैसे कार्यों की निर्देशन किया। 19 अगस्त 1813 से उन्होंने एक स्थानीय गांव ट्रेलेवेन, सिथनी में कुल 262.10 शिलिंग पर एक संपत्ति पट्टे पर ली थी। जिस बंदरगाह पर वो निदेशक थे उसकी कुल लागत £24,420,12.4 आई थी। कॉर्नवाल में यह काम करते हुए 25 मार्च 1815 को 63 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया और उन्हें सिथनी चर्च में दफनाया गया।
सन्दर्भ
- ↑ Dawson, L.S. (1883) Memoirs of Hydrography Part I p.18
- ↑ Andaman Society Pioneer Biographies साँचा:webarchive
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ Chart of the Strait of Malacca
- ↑ साँचा:cite web