भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की भारत का एक सार्वजनिक इंजीनियरी विश्वविद्यालय है। यह उत्तराखण्ड राज्य के रुड़की में स्थित है। पहले इसका नाम 'रूड़की विश्वविद्यालय' तथा इससे भी पहले इसका नाम 'थॉमसन कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग' (Thomason College of Civil Engineering) था। इसकी स्थापना मूलतः १८४७ में हुई थी। सन् १९४९ में इसको विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया। सन् २००१ में इसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के रूप में परिवर्तित कर दिया गया।
परिचय
अपने रूपांतरण के बाद से भारतीय प्राद्यौगिकी संस्थान रूडकी ने देश को जनशक्ति तथा ज्ञान उपलब्ध कराने तथा अनुसंधान कार्य करने मे प्रमुख भूमिका अदा की है। यह संस्थान विश्व के सर्वोत्तम प्रोद्यौगिकी संस्थानो मे अपना स्थान रखता है। इसने प्रोद्यौगिकी विकास के सभी क्षेत्रों में अपना योगदान दिया है। विज्ञान, प्रोद्यौगिकी व इंजीनियरिंग शिक्षा तथा अनुसंधान के क्षेत्र मे इसे धारा निर्धारक (ट्रैंड सेटर) भी माना जाता है। अक्टुबर 1996 में यह संस्थान अपने अस्तित्व के 150 वर्ष पूर्ण कर चुका है। 21 सितम्बर 2001 को भारत सरकार ने एक अध्यादेश जारी करके इस संस्थान को देश का सातवां भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान घोषित किया। आई. आई. टी. रूडकी को राष्ट्र का एक महत्वपूर्ण बनाने के लिए यह अध्यादेश अब संसद के एक अधिनियम मे परिवर्तित हो चुका है।
वस्तुकला एवं इंजीनियरिंग के 10 विषयों में स्नातक पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे है ; स्नातकोत्तर, प्रयुक्त विज्ञान व वस्तुकला तथा नियोजन विष्यों के 55 पाठ्यक्रमो की सुविधा उपलब्ध है। संस्थान के सभी विभागों व अनुसंधान केन्द्रों में शोधकार्य की भी सुविधाएं है।
संस्थान में समस्त भारत के विभिन्न केन्द्रों पर आयोजित संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जे.ई.ई.) के माध्यम से बी टेक. व बी. आर्क. पाठ्यक्रमों में छात्रों को प्रवेश दिया जाता है।