पूर्वी प्रान्त, सउदी अरब

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पूर्वी प्रान्त
الشرقية‎ / Eastern Province
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सूचना
राजधानी : दम्माम
क्षेत्रफल : ६,७२,५२२ किमी²
जनसंख्या(२०१०):
 • घनत्व :
४१,०५,७८०
 ६.१/किमी²
उपविभागों के नाम: ज़िले
उपविभागों की संख्या: ११
मुख्य भाषा(एँ): अरबी


गर्मी के मौसम में हफ़र अल-बातिन शहर में रेत का तूफ़ान

पूर्वी प्रान्त, जिसे औपचारिक अरबी में मिन्तक़ाह​ अश​-शर्क़ीयाह (منطقة الشرقية) कहते हैं, सउदी अरब का सबसे बड़ा प्रान्त है। सउदी अरब का अधिकतर खनिज तेल इसी प्रान्त में निकाला जाता है। इस प्रान्त में सउदी राजवंश के खिलाफ़ सक्रीय भावनाएँ रहीं हैं और कुछ उपद्रव हुए हैं। इस प्रान्त में भारी शिया आबादी है जो अक्सर सउदी अरब की सख़्त वहाबी सुन्नी विचारधारा से असंतुष्ट रही है।[१] यहाँ के कुछ क्षेत्रों में तो शियाओं की भारी बहुसंख्या है, मसलन क़तीफ़ शहर में, जहाँ 30% लोग शिया हैं।[२]

भूगोल

पूर्वी प्रान्त की सीमाएँ फ़ारस की खाड़ी, कुवैत, क़तर, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और यमन को लगती हैं। इस बड़े सूबे का क्षेत्रफल ६,७२,५२२ किमी है जो लगभग भारत के राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा राज्यों के जमा क्षेत्रफल के बराबर है। इस इलाक़े का आधे से ज़्यादा भाग रुब अल-ख़ाली के रेगिस्तान का हिस्सा है।

यहाँ का 'महराज फहद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा' (King Fahd International Airport) क्षेत्रफल के अनुसार दुनिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा है। इस प्रान्त को बहरीन के देश से जोड़ने वाला 'महराज फहद राजमार्ग' (King Fahd Causeway) १९८६ में तैयार कर दिया गया था।

इतिहास

प्राचीनकाल से १५२१ तक इस पूरे क्षेत्र को 'बहरीन' (الأحساء‎, Bahrain) नाम से जाना जाता रहा है। उस्मानी साम्राज्य काल में पूर्वी प्रान्त उसी का भाग था और तब इसके आबादी वाली क्षेत्रों को 'अल-अहसा' या सिर्फ़ 'हसा' (الأحساء‎, Al-Ahsa) कहते थे। उस्मानी साम्राज्य के पतन के बाद इस इलाक़े पर सउदी राजपरिवार का नियंत्रण हो गया। इस प्रान्त के दो मुख्य पुराने नगर अल-हसा और क़तीफ़ थे इसलिए पुरानी सउदी किताबों में यह प्रान्त 'अल-हसा व अल-क़तीफ' (الأحساء و القطيف) लिखा मिलता है। इस प्रान्त के अन्य महत्वपूर्ण शहर - दम्माम, ख़ोबर, दहरान और जुबैल - २०वीं सदी में बने हैं।

अर्थव्यवस्था

सउदी अरब की सरकारी तेल उत्पादन कम्पनी, सउदी अरामको (Saudi Aramco) इस प्रान्त के दहरान शहर में केन्द्रित है। इसके द्वारा लिए गए फ़ैसलों का प्रभाव तेल के दाम पर और पूरे विश्व की आर्थिक स्थिति पर पड़ता है। सउदी अरब के अधिकतर तेल और प्राकृतिक गैस के कूएँ इसी प्रान्त में स्थित हैं - कुछ धरती पर और कुछ तट से ज़रा दूर समुद्र में। २८० किमी लम्बा और ३० किमी चौड़ा ग़वार​ तेल क्षेत्र (Ghawar oil field, الغوار) दुनिया का सब से बड़ा कच्चा तेल पैदा करने वाला क्षेत्र है। यहाँ से तेल रास तनूराह के बंदरगाह भेजा जाता है जहाँ से यह विश्वभर में निर्यात होता है। थोड़ा तेल जुबैल के कारख़ानों में भी भेजा जाता है।

तेल के बाद इस प्रांत का दूसरा सबसे पड़ा उत्पाद खजूर है। हर साल अल-अहसा और अल-क़तीफ़ के बड़े नख़लिस्तानों (ओएसिस) में हज़ारों टन खजूर पैदा होते हैं।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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  1. We want war, and we want it now स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, Pepe Escobar, 6 अप्रैल 2012, Asia Times Online, Accessed 6 अप्रैल 2012
  2. From fragility to stability: a survival strategy for the Saudi monarchy स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, Mai Yamani, Contemporary Arab Affairs, Volume 2, Issue 1, 2009, Page 90-105, Accessed 11 अप्रैल 2012, ... Oil, power‐politics, alliances with the United States and the particular means and apparatuses of control emanating from the Najd all factor in a regime that has marginalized significant sectors of society from inhabitants of the Hijāz to the Shīah of the Eastern Province and which may or may not survive the effects of a population boom and high unemployment that coincide with an ever‐increasing number of claimants to a rule predicated on the ‘custodianship’ of Islam's two holiest cities ...