अलकापुरी
अलकापुरी, जिसे कभी अल्कापुरी भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म के अनुसार एक पौराणीक नगर है यह यक्षों के स्वामी, धन के देवता कुबेर की नगरी है.[१] महाभारत में इस नगरी का उल्लेख यक्षों की नगरी के रूप में आता है. इस नगरी की तुलआ देवों के राजा इंद्र की राजधानी से की जाती है. [२] कालिदास द्वारा उनके रचित्त मेघदूत में अलकापुरी का उल्लेख एवं वर्णन किया है। ऐसी अलकापुरी हिमालय में कैलास पर्वत के निकट अलकनंदा नदी के तट पर स्थित है।
ग्रंथों में
कालिदास ने मेघदूत में इसे यक्षों के राजा कुबेर की राजधानी बताया है।
उनके अनुसार अलकापुरी की स्थिति कैलास पर्वत पर गंगा के निकट थी।
इस श्लोक में तस्योत्संगे से अभिप्राय है - उस पर्वत अर्थात कैलास [३] के निकट स्थित है। कैलास के निकट ही कवि ने मानसरोवर की स्थिति भी बताई है
यह भी संभव है कि उस समय या उससे पूर्व कैलास के निकट वर्तमान तिब्बत में किसी पर्वतीय जाति अथवा यक्षों की नगरी का अस्तित्त्व रहा हो। कवि ने उत्तरमेघ के प्रारंभ में जो वर्णन दिया है वह कुछ काल्पनिक किन्तु कुछ सीमा तक तथ्य पर आधारित है, अतः इस अनुमान को सर्वथा असंगत नहीं माना जा सकता है। इसी श्लोक कवि ने गंगा नदी का उल्लेख अलकापुरी के निकट ही किया है, जबकि वर्तमान भौगोलिक स्थिति के अनुसार भी गंगा का एक स्रोत - अलकनंदा नदी भी कैलास पर्वत के निकट ही प्रवाहित होती है। यह अलकनंदा गंगा की ही सहायक नदी है।