अरुन्धति भट्टाचार्य
अरुन्धति भट्टाचार्य | |
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भारतीय स्टेट बैंक की 24वीं चेयरपर्सन (प्रथम महिला चेयरपर्सन)
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पद बहाल 7 अक्टूबर 2013 – 7 अक्टूबर 2017 | |
पूर्वा धिकारी | प्रतीप चौधरी |
उत्तरा धिकारी | रजनीश कुमार |
जन्म | साँचा:br separated entries |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
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अरुन्धति भट्टाचार्य (जन्म -18 मार्च 1956) पूर्व में भारत के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक की चेयरपर्सन थी। उन्होंने 7 अक्टूबर 2013 को यह पद ग्रहण किया। उन्होंने 30 सितंबर को इस पद से रिटायर हुए श्री प्रतीप चौधरी का स्थान लिया।[१]
इससे पहले वे बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर सह चीफ फाईनैंशियल ऑफिसर थीं। उनके अतिरिक्त बैंक के अन्य तीन मैनेजिंग डायरेक्टर हेमंत कान्ट्रैक्टर, ए कृष्णकुमार व एस विश्वनाथन भी इस पद के लिए उम्मीदवार थे। भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन की अध्यक्षता में बनी चयन समिति ने अंततः अरुंधति का चयन किया।[१],[२]
उपलब्धियां
इस नियुक्ति के साथ ही एक साथ कई उपलब्धियां उनके नाम के साथ जुड़ गई हैं। भारतीय स्टेट बैंक (स्थापित-1806 ईस्वी) के दो शताब्दियों के इतिहास में इस बैंक के सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाली वे प्रथम महिला हैं।[१]। वे भारत की प्रथम और फिलहाल एकमात्र महिला हैं, जो फार्च्यून 500 लिस्ट में आने वाली किसी भी भारतीय कंपनी का नेतृत्व करती हैं। यदि सिर्फ बैंकिंग की बात की जाए तो विश्वभर में वे एकमात्र महिला हैं, जो फार्च्यून 500 लिस्ट में आने वाले किसी भी बैंक का नेतृत्व करती हैं। यही नहीं, एसबीआई 15000+ शाखाओ तथा संपूर्ण भारत के बैंक डिपोज़िट में 22% हिस्सेदारी के साथ भारत का सबसे बड़ा बैंक है और इसकी शीर्ष नेता होने के साथ ही वह भारत की सर्वाधिक शक्तिशाली महिलाओं में शुमार हो गई हैं।[३]
करियर
अरुन्धति ने 1977 में एक बतौर प्रोबेशनरी ऑफिसर के तौर पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) जॉइन किया। अपने 36 साल के करियर में उन्होंने बैंकिंग के विभिन्न विभागों में काम किया है। वह एसबीआई के न्यूयॉर्क ऑफिस में भी काम कर चुकी हैं तथा एसबीआई कैपिटल मार्केट्स की मैनेजिंग डायरेक्टर भी रह चुकी हैं।[४][३]
व्यक्तिगत जीवन
पद ग्रहण के समय उनकी आयु 57 वर्ष थी।