अम्बिका (महाभारत)

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चित्र:Bhisma fight in Swayamvara.jpg
भीष्म पितामह स्वयंवर में युद्ध करते हुए
अम्बिका
हिंदू पौराणिक कथाओं के पात्र
नाम:अम्बिका
संदर्भ ग्रंथ:महाभारत
जन्म स्थल:काशी
माता-पिता:काशीराज पिता
भाई-बहन:अम्बा , अंबालिका
जीवनसाथी:विचित्रविर्य
संतान:धृतराष्ट्र

अम्बिका[१] महाभारत में काशीराज की पुत्री बताई गयी हैं।[२] अम्बिका की दो और बहने थीं, बड़ी बहन अम्बा तथा छोटी बहन अम्बालिका। अम्बा, अम्बिका और अम्बालिका का स्वयंवर होने वाला था। उनके स्वयंवर में जाकर अकेले ही भीष्म ने वहाँ आये समस्त राजाओं को परास्त कर दिया और तीनों कन्याओं का हरण करके हस्तिनापुर ले आये जहाँ उन्होंने तीनों बहनों को सत्यवती के सामने प्रस्तुत किया ताकि उनका विवाह हस्तिनापुर के राजा और सत्यवती के पुत्र विचित्रवीर्य के साथ सम्पन्न हो जाये। अम्बिका और अम्बालिका विचित्रवीर्य की पत्नियाँ बनीं।[३] लेकिन विचित्रवीर्य की अकाल मृत्यु के कारण वह दोनों निःसंतान रह गयीं। भीष्म ने पहले ही ब्रह्मचर्य व्रत की शपथ ले रखी थी और अब दोनों पुत्रों, चित्रांगद तथा विचित्रवीर्य की अकाल मृत्यु के कारण कुरुवंश का वंश खतरे में था। ऐसे में सत्यवती ने अपने सबसे बड़े पुत्र वेद व्यास को याद किया और नियोग की विधि से अम्बिका और अम्बालिका का गर्भाधान करवाया।
जब वेद व्यास अम्बिका को दिव्य दृष्टि से देख रहे थे तो उसने तेज सहन न होने के कारण अपने नेत्र बन्द कर लिये। इसी कारण से उसका पुत्र धृतराष्ट्र अन्धा पैदा हुआ।
प्रथम पुत्र के जनम के बाद जब अम्बिका ऋतुमती हुई तो दोबारा सत्यवती ने वेदव्यास को अम्बिका के पास भेजा ताकि वे फिरसे एक स्वस्थ पुत्र उत्पन्न करे। इस बार अम्बिका ने अपनी दासी को अपने रूप में सजाकर अपने शयनगृह में भेजा तो व्यासदेव ने उन्हें दिव्य दृष्टि से देखा और इस कारण से विदुर का जन्म हुआ जो धृतराष्ट्र और पाण्डु का भाई कहलाया था ।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

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  2. साँचा:cite web
  3. Law, B.C. (1973). Tribes in Ancient India, Poona: Bhandarkar Oriental Research Institute, p.105

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