अम्बामाता मन्दिर
| अम्बामाता मन्दिर | |
|---|---|
| लुआ त्रुटि package.lua में पंक्ति 80 पर: module 'Module:i18n' not found। | |
| धर्म संबंधी जानकारी | |
| सम्बद्धता | साँचा:br separated entries |
| अवस्थिति जानकारी | |
| अवस्थिति | साँचा:if empty |
| ज़िला | उदयपुर जिला |
| राज्य | राजस्थान |
| देश | भारत |
| लुआ त्रुटि Module:Location_map में पंक्ति 422 पर: No value was provided for longitude। | |
| निर्माता | साँचा:if empty |
| ध्वंस | साँचा:ifempty |
| साँचा:designation/divbox | |
| साँचा:designation/divbox | |
साँचा:template otherस्क्रिप्ट त्रुटि: "check for unknown parameters" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।साँचा:main otherसाँचा:main otherसाँचा:main otherसाँचा:main otherसाँचा:main otherसाँचा:main otherसाँचा:main otherसाँचा:main otherसाँचा:main otherसाँचा:main otherसाँचा:main otherसाँचा:main otherसाँचा:main otherसाँचा:main other
अम्बामाता मन्दिर एक हिन्दू मन्दिर है जो भारतीय राज्य राजस्थान के उदयपुर जिले में है। यह उदयपुर ज़िले का एक मुख्य मन्दिर है [१] इस मन्दिर का निर्माण महाराणा राज सिंह ने करवाया था। [२] यह माना जाता है कि महाराणा राज सिंह प्रथम देवी के निर्देश पर इस मंदिर का निर्माण करवाया था।
इतिहास
यह माना जाता है कि महाराणा राज सिंह (१६५२ से १६८०) आँखों की बीमारी के कारण बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ा था। इसमें राज वैद्य भी कुछ नहीं कर सके इसके बाद किसी ने यह सलाह दी थी कि उनको गुजरात के अर्बुनदछा पहाड़ी पर स्थित अम्बिका माता के मन्दिर में जाकर एक बार दर्शन करने चाहिए इस कारण महाराणा राज सिंह गुजरात गए थे। इसके बाद महाराणा राज सिंह को रात में सपने आने लगे और माँ ने उदयपुर में मन्दिर का निर्माण करवाने के लिए कहा था। इस कारण माँ अम्बे केनिर्देश पर महाराणा ने विक्रम संवत १७२१ में मन्दिर का निर्माण करवाया। [३]