अमित शाह

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अमित शाह

पदस्थ
कार्यालय ग्रहण 
30 मई 2019
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
पूर्वा धिकारी राजनाथ सिंह

पदस्थ
कार्यालय ग्रहण 
19 अगस्त 2017
पूर्वा धिकारी लाल कृष्ण आडवाणी
चुनाव-क्षेत्र गाँधीनगर

पद बहाल
जुलाई 2014 – 20 जनवरी 2020
पूर्वा धिकारी राजनाथ सिंह
उत्तरा धिकारी जगत प्रकाश नड्डा

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जन्म का नाम अमितभाई अनिलचन्द्र शाह
नागरिकता भारतीय
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
जीवन संगी सोनल शाह
बच्चे जय शाह (पुत्र)
शैक्षिक सम्बद्धता bhu
कैबिनेट गुजरात सरकार (2003–2010)
धर्म हिन्दू (वैष्णव) [१]
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अमित शाह (जन्म: 22 अक्टूबर 1964) एक भारतीय राजनीतिज्ञ तथा सम्प्रति भारत के गृह मंत्री हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी रह चुके है। भारत के गुजरात राज्य के गृहमंत्री [२]तथा भारतीय जनता पार्टी के महासचिव रह चुके हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों में गांधी नगर से लोकसभा के सांसद चुने गए हैं।[३] इसके पहले वे राज्यसभा के सदस्य थे। मोदी सरकार के द्वितीय कार्यकाल में भारत के गृहमंत्री बनाए जाने के बाद उन्होंने ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाने का बड़ा फैसला लिया।

प्रारम्भिक जीवन एवं शिक्षा

शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को महाराष्ट्र के मुंबई में एक व्यापारी के घर हुआ था। वे गुजरात के एक धनाढ़्य परिवार से सम्बन्धित हैं। उनका परिवार गुजराती हिन्दू वैष्णव बनिया परिवार था।[४][५] उनका गाँव पाटण जिले के चँन्दूर में है। मेहसाणा में शुरुआती पढ़ाई के बाद बॉयोकेमिस्ट्री की पढ़ाई के लिए वे अहमदाबाद आए, जहां से उन्होने बॉयोकेमिस्ट्री में बीएससी की, उसके बाद अपने पिता का बिजनेस संभालने में जुट गए। राजनीति में आने से पहले वे मनसा में प्लास्टिक के पाइप का पारिवारिक बिजनेस संभालते थे। वे बहुत कम उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे। 1982 में उनके अपने कॉलेज के दिनों में शाह की मुलाक़ात नरेंद्र मोदी से हुयी। 1983 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े और इस तरह उनका छात्र जीवन में राजनीतिक रुझान बना।[६]

राजनीतिक करियर

शाह 1987 में भाजपा में शामिल हुए। 1987 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का सदस्य बनाया गया। शाह को पहला बड़ा राजनीतिक मौका मिला 1991 में, जब आडवाणी के लिए गांधीनगर संसदीय क्षेत्र में उन्होंने चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला। दूसरा मौका 1996 में मिला, जब अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात से चुनाव लड़ना तय किया। इस चुनाव में भी उन्होंने चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला। पेशे से स्टॉक ब्रोकर अमित शाह ने 1997 में गुजरात की सरखेज विधानसभा सीट से उप चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। 1999 में वे अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक (एडीसीबी) के प्रेसिडेंट चुने गए। 2009 में वे गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बने। 2014 में नरेंद्र मोदी के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद वे गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने। 2003 से 2010 तक उन्होने गुजरात सरकार की कैबिनेट में गृहमंत्रालय का जिम्मा संभाला।[६]

2012 में नारनुपरा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से उनके विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले उन्होंने तीन बार सरखेज विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वे गुजरात के सरखेज विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चार बार क्रमश: 1997 (उप चुनाव), 1998, 2002 और 2007 से विधायक निर्वाचित हो चुके हैं। वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करीबी माने जाते हैं। शाह तब सुर्खियों में आए जब 2004 में अहमदाबाद के बाहरी इलाके में कथित रूप से एक फर्जी मुठभेड़ में 19 वर्षीय इशरत जहां, ज़ीशान जोहर और अमजद अली राणा के साथ प्रणेश की हत्या हुई थी। गुजरात पुलिस ने दावा किया था कि 2002 में गोधरा बाद हुए दंगों का बदला लेने के लिए ये लोग गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने आए थे। इस मामले में गोपीनाथ पिल्लई ने अदालत में एक आवेदन देकर मामले में अमित शाह को भी आरोपी बनाने की अपील की थी। हालांकि 15 मई 2014 को सीबीआई की एक विशेष अदालत ने शाह के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य न होने के कारण इस याचिका को ख़ारिज कर दिया।[७]

एक समय ऐसा भी आया जब सोहराबुद्दीन शेख की फर्जी मुठभेड़ के मामले में उन्हें 25 जुलाई 2010 में गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा। शाह पर आरोपों का सबसे बड़ा हमला खुद उनके बेहद खास रहे गुजरात पुलिस के निलंबित अधिकारी डीजी बंजारा ने किया।[६] सोलहवीं लोकसभा चुनाव के लगभग 10 माह पूर्व शाह दिनांक 12 जून 2013 को भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया, तब प्रदेश में भाजपा की मात्र 10 लोक सभा सीटें ही थी। उनके संगठनात्मक कौशल और नेतृत्व क्षमता का अंदाजा तब लगा जब 16 मई 2014 को सोलहवीं लोकसभा के चुनाव परिणाम आए। भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 71 सीटें हासिल की। प्रदेश में भाजपा की ये अब तक की सबसे बड़ी जीत ‌थी। इस करिश्माई जीत के‌ शिल्पकार रहे अमित शाह का कद पार्टी के भीतर इतना बढ़ा कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष का पद प्रदान किया गया।[८]

चुनावी उपलब्धियाँ

भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बधाई देते हुए

1989 से 2014 के बीच शाह गुजरात राज्य विधानसभा और विभिन्न स्थानीय निकायों के लिए 42 छोटे-बड़े चुनाव लड़े, लेकिन वे एक भी चुनाव में पराजित नहीं हुये।[९] गुजरात के विधान सभा चुनाव में उनकी उपलब्धियां इसप्रकार है-

चुनाव वर्ष निर्वाचन क्षेत्र परिणाम मत % मत प्रतिशत स्रोत
गुजरात विधानसभा चुनाव (उप-चुनाव)) 1997 सरखेज विजयी 76839 56.10% [१०]
गुजरात विधानसभा चुनाव 1998 सरखेज विजयी 193,373 69.81% [११]
गुजरात विधानसभा चुनाव 2002 सरखेज विजयी 288,327 66.98% [१२]
गुजरात विधानसभा चुनाव 2007 सरखेज विजयी 407,659 68.00% [१३]
गुजरात विधानसभा चुनाव 2012 नरनपुरा विजयी 103,988 69.19% [१४]
लोकसभा के लिए आम चुनाव 2019 गांधीनगर विजयी 888,210 69.76%

व्यक्तिगत जीवन

शाह का विवाह सोनल शाह से हुआ, जिनसे उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति हुई, जिनका नाम जय है। अमित शाह अपनी माँ के बेहद करीब थे, जिनकी मृत्यु उनकी गिरफ्तारी से एक माह पूर्व 8 जून 2010 को एक बीमारी से हो गयी।[९]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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