अभिकलनात्मक रसायन

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अभिकलनात्मक रसायन (Computational chemistry), रसायन विज्ञान की एक शाखा है जिसमें रासायनिक गणनाओं के हल के लिये संगणक के सिद्धांतों का उपयोग किया जाता है। इसमें अणुओं और ठोसों की संरचना और गुणधर्मों की गणना करने के लिए एक दक्ष कम्प्यूटर प्रोग्राम में सैद्धान्तिक रसायन के परिणामों को डाला जाता है।

इतिहास

क्वांटम यांत्रिकी के इतिहास में स्थापित खोज और सिद्धान्तों के निर्माण में, रसायन विज्ञान के क्षेत्र में प्रथम गणनाएँ १९२७ में वाल्टर हेटलर और फ्रिट्ज लंदन ने की।

शब्द "कम्प्यूटेशनल केमेस्ट्री" अर्थात अभिकलनात्मक रसायन का उपयोग पहली बार सिडनी फेर्नबक और अब्राहम हस्केल टौब द्वारा रचित पुस्तक 1970 की पुस्तक कंप्यूटर्स एंड देयर रोल इन द फिजिकल साईंसेज में मिलता है जहाँ उन्होंने लिखा है, "अतः ऐसा लगता है कि अभिकलनात्मक रसायन वास्तविकता में अधिक से अधिक हो सकता है।"[१] 1970के दशक के दौरान, अभिकलनात्मक रसायन के नये उभरते विभिन्न विधियों के रूप में विस्तृत रूप से भिन्न अनेक विधियाँ देखी गई।[२] जरनल ऑफ़ कंप्यूटेशनक केमेस्ट्री का प्रथम प्रकाशन 1980 में हुआ।

जटिल रासायनिक प्रणालियों के लिए बहुस्तरीय मॉडल का विकास के लिए माइकल लेविट, मार्टिन कारप्लस और एरिह वॉरशेल को २०१३ में रसायन का नोबेल पुरस्कार दिया गया।[३][४][५]

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ