अफगानिस्तान में धर्म

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अफगानिस्तान एक इस्लामी गणराज्य है 99% जहाँ के नागरिक इस्लाम के अनुयायी हैं। 80% आबादी सुन्नी इस्लाम का पालन करती है। शेष शिया हैं। मुसलमानों के अलावा, सिखों और हिंदुओं के छोटे अल्पसंख्यक समुदाय भी हैं।[१][२][३]

इतिहास

माना जाता है कि पारसी धर्म का जन्म 1800 से 800 ईसा पूर्व के बीच अफगानिस्तान में हुआ है, क्योंकि इसके संस्थापक ज़रथुष्ट्र बल्ख़ में रहे और यहीं उनकी मृत्यु हो गई थी, जबकि उस समय क्षेत्र को एरियाना के रूप में जाना जाता था। पारसी धर्म के उदय के समय इस क्षेत्र में प्राचीन पूर्वी ईरानी भाषाएँ बोली जाती थीं। 6 वीं शताब्दी ईसा पूर्व के मध्य तक, अक्मेनिड्स ने मेदों को खत्म कर दिया और अपनी पूर्वी सीमाओं के भीतर अरकोसिया, एरिया और बैक्ट्रिया को शामिल किया। फारस के दारायस प्रथम के मकबरे पर एक शिलालेख में 29 राज्यों की एक सूची में काबुल घाटी का उल्लेख किया है जिस पर उन्होंने विजय प्राप्त की थी।[४][५]

अफगानिस्तान के शिया

शिया अफगानिस्तान की कुल आबादी के 7% से 20% के बीच बनते हैं। ये लोग सुन्नी बहुसंख्यकों के बीच एक छोटी अल्पसंख्यक समुदाय हैं|[६][७]

ईसाई धर्म, कैथोलिक चर्च और अफगानिस्तान में प्रोटेस्टेंटिज्म

कुछ पुष्टिकृत रिपोर्ट बताते हैं कि 500 से 8,000 देश में गुप्त रूप से ईसाई धर्म के विश्वास का के अनुयायी हैं। एक अध्ययन में देश में रहने वाले एक मुस्लिम पृष्ठभूमि में ईसाई धर्म के मानने वालों की संख्या 3,300 के लगभग अनुमान लगाई गई है।[८]

हिंदू धर्म

अफगानिस्तान में हिन्दू धर्म  का अनुसरण करने वाले बहुत कम लोग हैं। इनकी संख्या कोई 1,000 अनुमानित है। ये लोग अधिकतर काबुल एवं अफगानिस्तान के अन्य प्रमुख नगरों में रहते हैं।[९][१०][११][१२] अफगानिस्थान पर इस्लामीयों की विजय से पूर्व अफगानिस्तान की जनता बहु-धार्मिक थी। यहाँ बहुसंख्यक या तो बौध थे या हिन्दू [१३] । 11 वीं सदी में अधिकांश हिन्दू मंदिरों को नष्ट कर दिया गया या मस्जिदों में परिवर्तित कर दिया गया। हिंदू धर्म का वहाँ आरम्भ कब हुआ इसकी कोई विश्वसनीय जानकारी नहीं है, परन्तु इतिहासकारों का मन्तव्य है कि, प्राचीन काल में दक्षिण हिन्दू कुश का क्षेत्र सांस्कृतिक रूप से सिंधु घाटी सभ्यता के साथ जुड़ा था।

प्रमुख अफ़गान लोग जो भारत आकर बस गए हैं

संदर्भ

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  1. साँचा:cite web
  2. साँचा:cite web
  3. साँचा:cite web
  4. Bryant, Edwin F. (2001) The quest for the origins of Vedic culture: the Indo-Aryan migration debate Oxford University Press, ISBN 978-0-19-513777-4स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।स्क्रिप्ट त्रुटि: "check isxn" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।.
  5. Afghanistan: ancient Ariana (1950), Information Bureau, p3.
  6. 1911 Encyclopædia Britannica - Hazara (Race)
  7. साँचा:cite encyclopedia
  8. साँचा:cite web
  9. Sikhs struggle for recognition in the Islamic republic स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, by Tony Cross.
  10. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
  11. Legal traditions of the world: sustainable diversity in law, H. Patrick Glenn Edition 3, Oxford University Press, 2007
  12. "Dark days continue for Sikhs and Hindus in Afghanistan" स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।.
  13. Al-Hind, the Making of the Indo-Islamic World: Early medieval India and the expansion of Islam, 7th-11th centuries, Volume 1 of Al-Hind, the Making of the Indo-Islamic World, André Wink, ISBN 90-04-09509-8, Publisher BRILL, 1990.