अनौपचारिक साम्राज्य
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एक "अनौपचारिक साम्राज्य" ऐसा साम्राज्य है जो कि अपने व्यापारिक, सामरिक अथवा सैन्य हित को देखते हुए अपने प्रभावक्षेत्र को एक ऐसे क्षेत्र अथवा अन्य देश में बढ़ाता जो कि औपचारिक उपनिवेश, संरक्षित देश, शुल्कीय देश एवं भूमिधर राज्य नहीं है।
मूल
५वी सदी ईसा पूर्व में यवन नगर-राज्य एथेंस ने अपने अनौपचारिक साम्राज्य के माध्यम से डेलियन संघ के देशों को अपने वश में किया। [१] इतिहासकार जैरैमी ब्लैक के अनुसार, मस्कॉवी उद्योग, लेवेंट उद्योग, ईस्ट इंडिया उद्योग और बे उद्योग जैसे अधिकृत उद्योग "अनौपचारिक साम्राज्य" की अवधारणा के अगुआ थे। [२]