अनवर होजा
अनवर होजा
Enver Hoxha | |
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पूर्वा धिकारी | पद स्थापित हुआ |
उत्तरा धिकारी | Ramiz Alia |
अल्बानिया के 22nd प्रधानमंत्री
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राष्ट्रपति | Omer Nishani Haxhi Lleshi |
सहायक | Myslim Peza Koçi Xoxe Mehmet Shehu |
पूर्वा धिकारी | Ibrahim Biçakçiu |
उत्तरा धिकारी | Mehmet Shehu |
अल्बानिया के विदेश मंत्री
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प्रधानमंत्री | स्वयं |
पूर्वा धिकारी | Omer Nishani |
उत्तरा धिकारी | Behar Shtylla |
जन्म | साँचा:br separated entries |
मृत्यु | साँचा:br separated entries |
समाधि स्थल | साँचा:br separated entries |
जन्म का नाम | अनवर ख़लील होजा (Enver Halil Hoxha) |
राष्ट्रीयता | अल्बानियाई |
राजनीतिक दल | अल्बानिया की मज़दूर पार्टी |
जीवन संगी | साँचा:marriage |
बच्चे | साँचा:hlist |
शैक्षिक सम्बद्धता | University of Montpellier Free University of Brussels |
हस्ताक्षर | |
साँचा:center |
अनवर ख़लील होजा[१] (अल्बानियाई: Enver Halil Hoxha); 16 अक्टूबर 1908- 11 अप्रैल 1985) [२] अल्बानियाई कम्युनिस्ट राजनेता थे, जिन्होंने अल्बानिया के राज्य के प्रमुख के रूप में 1944 से 1985 (उनकी मृत्यु) तक, अल्बानिया के श्रम विभाग के पहले सचिव के रूप में काम किया। इसी समय के दौरान वे अल्बानिया के डेमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष और से सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ थे। उन्होंने 1944 से 1954 तक अल्बानिया के 22वें प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया और कई बार विदेश मंत्री और रक्षा मंत्रीका पद भी सम्भाला।
उन्होंने राजा ज़ोग का तख़्तापलट करके अल्बानिया में साम्यवादी सरकार स्थापित की थी।
"समाजवादी अल्बानिया के 40 वर्ष" किताब 1984 में छपी थी। इसमें यह बताया गया है कि कैसे अपने चार-दशक (1945-1984) के शासन के दौरान, होजा ने देश का पुनर्निर्माण किया, जबकि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अल्बानिया खंडहर हो गया था। साथ ही साथ बताया गया है कि अल्बानिया की पहली रेलवे लाइन का निर्माण, वयस्क साक्षरता दर को 5% से ऊपर उठाकर 98% तक लाना, महामारी का सफाया, देश का विद्युतीकरण और प्रमुख रूप से अल्बानिया कृषि-आत्मनिर्भर बनने की ओर होजा ने काम किया। [३] [४] किंतु राजनीतिक दमन करने के लिए उनकी आलोचना होती है, जिससे तात्पर्य मजबूर श्रम शिविरों, ग़ैरन्यायिक हत्याओं और फांसी का प्रयोग करके साम्यवाद-विरोधियों का सफाया करने से है। इसमें से एक बड़ी संख्या में ऐसे अपराध सिगुरिमि नाम की गुप्त पुलिस से करवाए जाते थे।
होजा की सरकार 1970 के दशक के मध्य से संशोधनवाद-विरोधी मार्क्सवाद-लेनिनवाद के प्रति अपनी घोषित दृढ़ता का पालन करने के लिए ख़ास तौर से जानी जाती थी। इस कारण जोसेफ़ स्टालिन की मौत के बाद, निकिता ख़्रुश्चेव ने जब सोवियत संघ की नीतियों में बदलाव लाने की कोशिश की, तो उन्होंने तब तक के अपने देश के सबसे घनिष्ठ मित्र सोवियत संघ को आड़े हाथों ले लिया। इसी के साथ उन्होंने चीन और सोवियत संघ में चल रहे तत्कालीन झगड़े में चीन का साथ दिया, जिस कारण सोवियत-अल्बानिया रिश्तों में घुली खटास का सीधा फ़ायदा चीन को पहुँचा। किंतु यह मित्रता भी ज़्यादा समय नहीं टिक सकी, क्योंकि होजा के मुताबिक़ चीन भी साम्यवाद के आदर्शों से दूर हटकर जा रहा था।
1976-1978 के दौर में माओवाद के साथ उनके टूटने के बाद, दुनिया भर के कई माओवादी दलों ने खुद को होजावादी घोषित किया।इनमें से सर्वाधिक लोकप्रिय मार्क्सवादी-लेनिनवादी पार्टियों और संगठनों (एकता और संघर्ष) का अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन है।
इस प्रकार 70 के दशक के अंत में साम्यवादी दुनिया में अल्बानिया की चीन और सोवियत संघ दोनों से दुश्मनी हो गयी। दुनिया से अलग-थलग पड़ने की वजह से देश की अर्थव्यवस्था चरमराने लगी। सोवियत संघ और अमेरिका ने बाद में होजा को मनाने की कोशिश भी की, किंतु वे नहीं माने। बल्कि उन्होंने पश्चिमी-यूरोपीय देशों से मित्रता बढ़ानी शुरू कर दी। उनका लक्ष्य यह था कि अल्बानिया को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बना दें। किंतु वैश्वीकरण के युग में उनकी ये सोच दक़ियानूसी साबित हुई।
अपने तानाशाही स्वभाव के कारण उन्हें कोई भी अलग सलाह मंज़ूर नहीं होती थी, ख़ासकर कि अपने आख़िरी दिनों में। इसके चलते वे अपने "प्रतिद्वंदियों" को रास्ते से हटा देते थे।
प्रारंभिक नेतृत्व (1946-1965)
होजा ने खुद को मार्क्सवादी-लेनिनवादी घोषित करते हुए सोवियत नेता जोसेफ स्टालिन की जमकर प्रशंसा की। 1945-1950 की अवधि के दौरान, सरकार ने ऐसी नीतियां अपनाईं जिनका मकसद उनकी सत्ता को मजबूत करना था। अगस्त 1945 में कृषि सुधार कानून पारित किया गया था। इसने बेग़ (जो तुर्की मूल के रिहायशी ज़मींदार थे) और बड़े ज़मींदारों से ज़मीन जब्त करके किसानों को बिना मुआवजे के सौंप दी। कानून पारित होने से पहले कुल भूमि का 52% बड़े भूस्वामियों के स्वामित्व में था; कानून के पारित होने के बाद यह घटकर केवल 16% रह गया। [५] निरक्षरता, जो 1939 में ग्रामीण क्षेत्रों में 90-95% थी, 1950 तक गिरकर 30% हो गई और 1985 तक यह पश्चिमी देशों के बराबर थी। [६] साथ ही साथ राजधानी तिराना में एक विश्वविद्यालय की स्थापना की।
यूगोस्लाविया के साथ संबंध
जिस समय होजा ने अल्बानिया में सत्ता सम्भाली, तब यूगोस्लाविया में भी साम्यवादियों का वर्चस्व था। एक समय ऐसा था जब दोनों एक-दूसरे का साथ दिया करते थे, किंतु द्वितीय विश्व युद्ध के अंत से कुछ समय पहले इनमें विचारधारा को लेकर मतभेद हो गए।।[७] साथ ही साथ होजा ने उनपर इल्ज़ाम लगाया कि यूगोस्लाविया, जो कि उस समय अल्बानिया से अधिक विकसित अर्थव्यवस्था थी, अल्बानिया को एक उपनिवेश के तौर पर रखना चाहती थी। होजा के मुताबिक़ यूगोस्लाविया चाहता था कि अल्बानिया के लोग खेती-किसानी करते रहें और यूगोस्लाविया वाले इनके इसका उपयोग करके अपनी उद्योग क्षमता बढ़ाएँ। ऐसा करके वे अपने उत्पाद वापस अल्बानिया में बेच सकते थे, जिससे उन्हें मुनाफ़ा मिले। अतः होजा ने निश्चय किया कि अल्बानिया अपनी अलग राह पर चलेगा। इस प्रकार अल्बानिया की यूगोस्लाविया से मित्रता की सम्भावना ख़त्म हो गयी।[८]
सोवियत संघ के साथ संबंध
यूगोस्लाविया के साथ ब्रेक के बाद, होजा ने अल्बानिया का सोवियत संघ के साथ गठबंधन किया, जिसके लिए उनके मन में बड़ा आदर था। 1948 से 1960 तक, अल्बानिया को तकनीकी और ढांचागत विस्तार के लिए सोवियत संघ की ओर से सहायता में $20 करोड़ दिए गए। 22 फरवरी 1949 को अल्बानिया कोमेकोन में भर्ती हुआ। ऐसा करके अल्बानिया ने तीन तरह से सोवियत संघ की मदद की-
- यूगोस्लाविया (अल्बानिया और सोवियत संघ दोनों के ही रिश्ते ख़राब थे) पर दबाव डालना
- एड्रियाटिक सागर में सोवियत समर्थक बल के रूप में काम करना
- भूमध्य सागर के पास से आती-जाती अमेरिकी नौसेना पर नज़र रखना
5 मार्च 1953 को स्टालिन की मृत्यु होने तक संबंध निकट रहे। उनकी मृत्यु पर अल्बानिया में 14 दिनों का राष्ट्रीय शोक मनाया गया- जो कि सोवियत संघ से भी अधिक था। [९] होजा ने राजधानी के सबसे बड़े वर्ग में पूरी आबादी को इकट्ठा किया, जिसमें स्टालिन की एक प्रतिमा थी, उन्होंने अनुरोध किया कि वे घुटने टेक दें, और उन्हें अपने "प्यारे पिता" और "महान मुक्तिदाता" "अनंत निष्ठा" और "आभार" की शपथ लेने के लिए दो हजार शब्द बनाने चाहिए, ऐसे मनुष्य के लिए, जिसने इन लोगों को "सब कुछ" दिया है।" [१०]
स्टालिन के उत्तराधिकारी निकिता ख्रुश्चेव के आदेश पर यह सहायता कम हो गई और अल्बानिया को ख्रुश्चेव की विशेषज्ञता नीति को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस नीति के तहत अल्बानिया सोवियत संघ और अन्य वारसॉ संधि राष्ट्रों की आपूर्ति करने के लिए अपने कृषि उत्पादन को विकसित करेगा, जबकि ये सारे राष्ट्र अपने स्वयं के विशिष्ट संसाधन आउटपुट विकसित कर रहे होंगे। सैद्धांतिक तौर पर ऐसा माना गया कि ऐसा करना अभाव को कम करके वारसा संधि को मजबूत करेगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि फ़िलहाल जो इन देशों को कुछ संसाधनों के अभाव का सामना करना पड़ रहा था, वह नहीं करना पड़ेगा। किंतु इसका मतलब यह भी था कि अल्बानियाई औद्योगिक विकास (होजा की प्राथमिकता) को काफी कम करना पड़ेगा। [११]
इसके अलावा उन्होंने सोवियत संघ पर ये आरोप भी लगाए कि वे स्टालिन के सिद्धांतों से परे जा रहे हैं। फिर एक के बाद एक मतभेद बढ़ते चले गए और अंत में एक समय ऐसा आया कि अल्बानिया और सोवियत संघ को राजनयिक सम्बंध तोड़ने पड़े।
चीन और माओवाद की ओर आकर्षित होना
1956 में, होजा ने एक संकल्प का आह्वान किया जो पार्टी के तत्कालीन नेतृत्व को बनाए रख सके। यह प्रस्ताव स्वीकार किया गया, और विरोधी प्रतिनिधियों को पार्टी से निकालकर कैद में डाल दिया गया। होजा ने इसे अल्बानिया के नेतृत्व को उखाड़ फेंकने के की युगोस्लाविया की नई साज़िश क़रार दिया। इस घटना ने होजा के वर्चस्व को और अधिक बढ़ा दिया, जिससे अल्बानिया में ख्रुश्चेव की तर्ज़ पर सुधार लगभग असंभव हो गए।
उसी वर्ष होजा ने चीन (जो उस समय चीन-सोवियत विभाजन से गुज़र रहा था) की यात्रा की और माओत्से तुंग से मुलाकात की। इससे चीन के साथ अल्बानिया के संबंधों में सुधार हुआ। इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1955 में यात्रा से पहले अल्बानिया में आने वाली सहायता में चीनी सहायता का प्रतिशत 4.2% था, जो 1957 में बढ़कर 21.6% हो गया। [१२]
अल्बानिया को वापस रिझाने के लिए सोवियत संघ ने सहायता बढ़ाने का फ़ैसला लिया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
बाद में शासन
जैसे-जैसे वक़्त गुज़रा, होजा का शासन और भी अधिक सैद्धांतिक होने लगा। उन्होंने उस समय और सिद्धांत पर वर्तमान घटनाओं पर आधारित आलोचनाएँ लिखीं; सबसे खास तौर पर 1978 के बाद माओवाद की उनकी निंदा। [१४] होजा की एक बहुत बड़ी उपलब्धि महिलाओं के अधिकारों की उन्नति थी। जब होजा ने कमान सँभाली थी, तब अल्बानिया यूरोप में सबसे अधिक, पितृसत्तात्मक देशों में से एक था। महिलाओं की स्थिति को विनियमित करने वाली Lekë की संहिता में कहा गया है, "एक महिला को एक बोरी के रूप में समझा जाता है, जिसे तब तक सहना पड़ता है जब तक वह अपने पति के घर में रहती है।" [१५] महिलाओं को अपने माता-पिता से किसी भी प्रकार की सम्पत्ति में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं थी, यहाँ तक कि गर्भवती महिला की हत्या तक के मामले में भी भेदभाव किया जाता था। महिलाओं को तलाक़ लेने का अधिकार नहीं था। इन सभी मुद्दों पर महिलाओं का उद्धार करने में होजा ने व्यक्तिगत तौर पर सहयोग प्रदान किया।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, अल्बानियाई कम्युनिस्टों ने महिलाओं को अपनी सेना में [१६] शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया और युद्ध के बाद, महिलाओं को मेहनतकश नौकरियों के लिए प्रोत्साहित किया गया, क्योंकि उच्च स्तर के काम के लिए आवश्यक शिक्षा ज्यादातर महिलाओं की पहुंच से बाहर थी। 1938 में केवल 4% महिलाएँ अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में काम करती थीं। 1970 में, यह संख्या बढ़कर 38% हो गई, और 1982 में 46% हो गई। [१७]
चीन के साथ संबंध
अल्बानिया की तीसरी पंचवर्षीय योजना में, चीन ने $ 125 के ऋण का वादा किया था पच्चीस रासायनिक, विद्युत और धातुकर्म संयंत्रों के निर्माण के लिए योजना के तहत बुलाया। हालांकि, राष्ट्र ने एक कठिन संक्रमण काल का अनुभव किया, क्योंकि चीनी तकनीशियन सोवियत लोगों की तुलना में कम गुणवत्ता वाले थे और दोनों देशों के बीच की दूरी, साथ ही साथ खराब संबंध जो अल्बानिया के अपने पड़ोसियों के साथ थे, आगे जटिल मामले थे। यूगोस्लाविया या यूएसएसआर के विपरीत, होक्सा के नेतृत्व में चीन का अल्बानिया पर आर्थिक प्रभाव कम था। पिछले पंद्रह वर्षों (1946-1961) में विदेशी वाणिज्य के तहत कम से कम 50% अर्थव्यवस्था थी। [१९]
जहाँ तक सम्भव था, चीन ने सोवियत संघ की सहायता की भरपाई करने की कोशिश की, जिसकी होजा ने काफ़ी प्रशंसा की। चीन की सांस्कृतिक क्रांति से भी वे काफ़ी प्रभावित हुए। किंतु बाद में जब 1970 के आसपास चीन (सोवियत संघ का मुक़ाबला करने के लिए) अमेरिका के क़रीब आने लगा, तो होजा ने चीन को भी नहीं बख़्शा। बदले में चीन ने भी आर्थिक और अन्य प्रकार की मदद घटानी शुरू कर दी। होजा ने विरोध में कहा कि चीन विश्व-शक्ति बनने के सपने देख रहा है और इसके चलते साम्यवाद की राह से भटक रहा है।
13 जुलाई 1978 को, चीन ने घोषणा की कि वह अल्बानिया को जाने वाली सारी सहायता पर रोक लगा चुका है। आधुनिक इतिहास में पहली बार, अल्बानिया के पास कोई सहयोगी या प्रमुख व्यापारिक साझेदार नहीं था।[१]
राजनीतिक दमन और उत्प्रवास
आंतरिक रूप से, सिगुरिमी ने सोवियत संघ की केजीबी, और ईस्ट जर्मन स्टासी जैसी जासूसी संस्थाओं के दमनकारी तरीकों का अनुसरण किया। एक समय तो ऐसा भी आया जब हर तीसरे अल्बानियाई से या तो सिगुरिमी ने पूछताछ की थी या उसे श्रम शिविरों में रखा गया था । [२०] असंतोष को खत्म करने के लिए, सरकार ने हजारों लोगों को जबरन श्रम शिविरों में कैद कर दिया या उन्हें कथित विश्वासघात जैसे अपराधों के लिए या सर्वहारा अधिनायकत्व को बाधित करने के लिए निष्पादित किया। आधिकारिक कामकाज के अलावा विदेश यात्रा करने पर रोक लगा दी गयी।
धर्म और राष्ट्रवाद
तुर्की के प्रभाव के कारण एक समय यूरोप का एकमात्र मुस्लिम देश रहने वाला अल्बानिया ऑटोमन साम्राज्य की तर्ज़ पर जातीयता को धर्म के साथ जोड़कर नहीं देखता था। ऑटोमन साम्राज्य में, मुसलमानों को तुर्क, रूढ़िवादी ईसाइयों को यूनानी, और कैथोलिकों को लातिन के रूप में देखा जाता था।
होजा की नजर में यह एक गंभीर मुद्दा था। उनका मानना था कि दक्षिणी अल्बानिया में ग्रीक लोग अलगाववादियों को भड़काते हैं, और वैसे भी इसने राष्ट्र को एक रूप से विभाजित कर रखा है। 1945 के कृषि सुधार कानून ने देश में चर्च की काफ़ी सारी संपत्ति जब्त कर ली। सबसे पहले कैथोलिक समुदाय को निशाना बनाया गया, क्योंकि होजा वेटिकन को फासीवादी और कम्युनिस्ट-विरोधी के रूप में देखते थे। [२१] इसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने सभी धर्मों को प्रताड़ित किया और धार्मिक होने की जगह लोगों को राष्ट्रवादी बंने के लिए प्रोत्साहित किया। कुछ ही दशकों में अल्बानिया (आधिकारिक रूप से) विश्व का पहला नास्तिक देश बन गया।
इसके लिए उन्होंने अल्बानियाई लोक-गीत और संस्कृति को बढ़ावा देकर लोगों में देशभक्ति की भावना जगाने का प्रयास किया। सांस्कृतिक तौर पर होजा अल्बानिया को यूरोप से अलग एक अपनी ही दिशा में ले गए।
बाद में जीवन और मृत्यु
आत्मनिर्भरता पर अब पहले से कहीं अधिक ज़ोर दिया जाने लगा। लोगों को हथियारों का उपयोग सीखने के लिए प्रोत्साहित किया जाने लगा, और यह गतिविधि स्कूलों में भी सिखाई जाने लगी। ऐसा त्वरित सैन्य अभियान करने लायक टुकड़ी बनाने के लिए किया गया था। [२२]
इस अवधि के दौरान अल्बानिया यूरोप में सबसे अलग-थलग और सबसे गरीब देश था और यूरोपीय मानकों के अनुसार सामाजिक रूप से भी पिछड़ा हुआ था। इसका रहने का स्तर यूरोप के सभी देशों में निम्नतम था। [२३] हालांकि, आर्थिक आत्मनिर्भरता के परिणामस्वरूप, अल्बानिया का न्यूनतम विदेशी ऋण भी न के बराबर ही था। 1983 में अल्बानिया ने $28 करोड़ का सामान आयात किया लेकिन निर्यात किए गए माल की कीमत $29 करोड़ थी। अर्थात, अल्बानिया के पास $1 करोड़ का व्यापार अधिशेष था। [२४]
76 वर्ष की आयु में 11 अप्रैल 1985 की सुबह उनकी मृत्यु हो गई। [२५] होक्सा का शव तीन दिन तक पीपुल्स असेंबली के प्रेसीडियम के भवन में राज्य में रखा गया था, जब 15 अप्रैल को उन्हें स्कैंडेबग स्क्वायर पर एक स्मारक सेवा के बाद दफनाया गया था। [२६]
होजा की मृत्यु ने अलबानिया को अलगाव की विरासत और बाहरी दुनिया के डर के साथ छोड़ दिया। उनके द्वारा की गई कुछ आर्थिक प्रगति के बावजूद, [२७] देश आर्थिक तंगी में था; शीत युद्ध की अवधि में अल्बानिया सबसे गरीब यूरोपीय देश था। 1992 में पूंजीवाद में अल्बानिया के परिवर्तन के बाद, होजा की विरासत कम हो गई, इतनी कि 21 वीं सदी की शुरुआत में अल्बानिया में यह बहुत कम थी।
कार्यों की आंशिक सूची
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संदर्भ
- ↑ "Hoxha" स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।. Random House Webster's Unabridged Dictionary.
- ↑ There is uncertainty over Hoxha's true date of birth. Fevziu (2016), p. 10) notes: "No fewer than five different dates are to be found in the Central State Archives [of Albania] alone."
- ↑ 40 Years of Socialist Albania, Dhimiter Picani
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ Marmullaku 1975, पृष्ठ 93–94
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ O'Donnell 1999, पृष्ठ 19.
- ↑ Ranko Petković, "Yugoslavia and Albania," in Yugoslav-Albanian Relations, trans. Zvonko Petnicki and Darinka Petković (Belgrade: Review of International Affairs, 1984, 274–275.
- ↑ Fevziu 2016, पृष्ठ 146.
- ↑ The Economist 179 (16 June 1956): 110.
- ↑ On the "socialist division of labor" see: The International Socialist Division of Labor (7 June 1962) स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।, German History in Documents and Images.
- ↑ Biberaj 1986, पृष्ठ 27.
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ Hoxha 1978
- ↑ Kanuni i Lekë Dukagjinit [The Code of Lekë Dukagjini] (Prishtinë, Kosove: Rilindja, 1972): bk. 3, chap. 5, no. 29, 38.
- ↑ Papajorgi 1970, पृष्ठ 130
- ↑ Begeja 1984, पृष्ठ 61
- ↑ Hoxha 1980b
- ↑ Biberaj 1986, पृष्ठ 40.
- ↑ Raymond E. Zickel & Walter R. Iwaskiw. Albania: A Country Study. Washington, D.C.: Federal Research Division of the United States Library of Congress. p. 235.
- ↑ Logoreci 1978
- ↑ Letter from Albania: Enver Hoxha's legacy, and the question of tourism स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।: "The bunkers were just one component of Hoxha's aim to arm the entire country against enemy invaders. Gun training used to be a part of school, I was told, and every family was expected to have a cache of weapons. Soon, Albania became awash in guns and other armamentsसाँचा:spaced ndashand the country is still dealing with that today, not just in its reputation as a center for weapons trading but in its efforts to finally decommission huge stockpiles of ammunition as part of its new NATO obligations."
- ↑ Bessemer 2006, पृष्ठ 54 ,72
- ↑ The Directorate of the Intelligence of the Central Intelligence Agency, The World Factbook (Washington: Government Printing Office, 1986), 3.
- ↑ Jacques 1995 "... there was a detailed medical report by a distinguished medical team. Enver Hoxha had suffered since 1948 with diabetes which gradually caused widespread damage to the blood vessels, heart, kidneys and other organs. In 1973, as a consequence of this damage, a myocardial infarction occurred with rhythmic irregularity. During the following years a serious heart disorder developed. On the morning of 9 April 1985, an unexpected ventricular fibrillation occurred. Despite intensive medication, repeated fibrillation and its irreversible consequences in the brain and kidneys caused death at 2:15 am on 11 April 1985."
- ↑ स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
- ↑ O'Donnell 1999, पृष्ठ 186: "On the positive side, an objective analysis must conclude that Enver Hoxha's plan to mobilise all of Albania's resources under the regimentation of a central plan was effective and quite successful ... Albania was a tribal society, not necessarily primitive but certainly less developed than most. It had no industrial or working class tradition and no experience using modern production techniques. Thus, the results achieved, especially during the phases of initial planning and construction of the economic base were both impressive and positive."
सूत्र
बाहरी कड़ियाँ
- Hxha संदर्भ पुरालेख को marxists.org पर देखें
- होक्सा की कुछ रचनाओं का अंग्रेजी संग्रह
- होक्सा की कुछ रचनाओं का एक और अंग्रेजी संग्रह
- एनवर होक्सा के कार्यों के साथ एक रूसी साइट
- एवर होक्सा तुंगजत्जे
- दिस नगा वेपरट ई शुकुट एनवर होक्सा
- अल्बानियाई लेख होक्सा पर
- आभासी मेमोरी संग्रहालय आधिकारिक वेबसाइट
- एनवर होक्सा की अंडरग्राउंड बंकर आधिकारिक वेबसाइट
- "अल्बानिया: स्टालिन के वारिस", टाइम, 22 दिसंबर 1961
- होक्सा का राजकीय अंतिम संस्कार – 15 अप्रैल 1985
- https://web.archive.org/web/20190402190456/http://www.enverhoxha.ru/enver_hoxha_books_on_foreign_languages.htm
राजनीतिक कार्यालय | ||
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पहले द्वारा नया निर्माण |
अल्बानिया के मंत्रिपरिषद के अध्यक्ष 24 अक्टूबर 1944 - 18 जुलाई 1954 |
सफल हुए द्वारा मेहमत शेहू |
पहले द्वारा उमर निशानी |
अल्बानिया के विदेश मामलों के मंत्री 1946-1953 |
सफल हुए द्वारा बहार शांताला |
पार्टी के राजनीतिक कार्यालय | ||
पहले द्वारा नया निर्माण |
अल्बानिया के श्रम विभाग के पहले सचिव 8 नवंबर 1941 - 11 अप्रैल 1985 |
सफल हुए द्वारा रमिज आलिया |