अटलांटिक की लड़ाई

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अटलांटिक की लड़ाई
द्वितीय विश्वयुद्ध का भाग
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मार्गरक्षी ब्रिटिश विध्वंसक पोत के अधिकारी दुश्मन की पनडुब्बी की तलाश बनाये हुये, अक्टूबर १९४१।
तिथि ३ सितंबर १९३९-८ मई १९४५
(५ वर्ष, ८ महीने, ५ दिन)
स्थान अटलांटिक महासागर, उत्तरी सागर, आयरलैंड का सागर, लॅब्रॅडोर सागर, सेन्ट लॉरेन्स की खाड़ी, करीबियन सागर, मेक्सिको की खाड़ी, Outer Banks, आर्कटिक महासागर
परिणाम मित्र राष्ट्रों की विजय
योद्धा
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साँचा:flag (1941–45)
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साँचा:flagicon पोलैंड
साँचा:flag (1940-1945)
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साँचा:flag (1942–45)
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साँचा:flag (1939–40)

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साँचा:flagcountry (1940–43)

सेनानायक
साँचा:flagicon Martin E. Nasmith (1939-41)
Sir Percy Noble (1941–42)
साँचा:flagicon Sir Max K. Horton (1943–45)
साँचा:flagicon Frederick Bowhill (1939-41)
साँचा:flagicon Philip de la Ferté (1941-43)
साँचा:flagicon Sir John Slessor (1943-45)

साँचा:flagicon Leonard W. Murray
साँचा:flagicon Ernest J. King
साँचा:flagicon Royal E. Ingersoll

साँचा:flagicon Erich Raeder
साँचा:flagicon Karl Dönitz
साँचा:flagicon Hermann Göring
मृत्यु एवं हानि
36,200 sailors killed[१][२]
36,000 merchant seamen killed[१][२]
3,500 merchant vessels
175 warships
~30,000 sailors killed[३]
783 submarines

अटलांटिक की लड़ाई द्वितीय विश्वयुद्ध में लगातार चलने वाला सबसे लंबा सैन्य अभियान था जो सन् १९३९ को शुरु हुआ तथा सन् १९४५ में जर्मनी की हार के साथ समाप्त हुआ। यह लड़ाई मित्र राष्ट्रों द्वारा जर्मनी की नौसैनिक नाकेबन्दी— जो कि जर्मनी पर युद्ध के ऐलान के एक दिन बाद से शुरू कर दी गई थी— और फिर जर्मनी द्वारा मित्र राष्ट्रों की पलट नाकेबन्दी पर केन्द्रित थी। सन् १९४० के मध्य से सन् १९४३ के अंत तक यह लड़ाई अपने चरम पर थी। अटलांटिक की लड़ाई में जर्मन नौसेना क्रीक्समरीन की यू-बोटों ने जर्मन वायुसेना लुफ़्तफ़ाफ़ा के साथ मिलकर कामयाबी के साथ मित्र राष्ट्रों के व्यापारिक बेड़ों पर नाकेबन्दी की और बड़ी संख्या में उन्हें डुबाकर मित्र राष्ट्रों का बहुत नुक़सान किया था।

सन्दर्भ

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