अज़ीमुल्ला खां

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अज़ीमुल्ला खां युसफ्जई (1830-1859), दीवान अज़ीमुल्ला खां, भी कहते थे Nana Sahib के सेक्रेटरी और बाद में प्रधानमंत्री नियुक्त हुए (इसलिए दीवान का अगेतर लगा)। उन्हें क्रांतिकारी अज़ीमुल्ला खां भी कहा जाता है।

अज़ीमुल्ला खां 1857 की क्रान्ति के कर्णधार थे। उन्हें नाना साहेब जैसे अमीरों को भी प्रभावित किया।

आरंभिक जीवन

अज़ीमुल्ला को अपनी मां के साथ 1837-38 के अकाल से एक भूखे मुस्लिम लड़के के रूप में बचा लिया गया, जब उन्हें कानपुर में एक मिशन पर आश्रय प्रदान किया गया। वहां उन्होंने अंग्रेजी, ही नहीं फ्रेंच भी सीखी, जो 19 वीं सदी में एक भारतीय के लिए कोई छोटी उपलब्धि नहीं।