नैया, हिन्दी फिल्म

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ନଇୟା
चित्र:Naiyya.jpg
निर्देशक Prashanta Nanda
अभिनेता Prashanta Nanda, Zarina Wahab
संगीतकार Ravindra Jain
वितरक Rajshri Productions
प्रदर्शन साँचा:nowrap 1979
देश India
भाषा Hindi

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नैया,  १९७९ में बनी हुई एका हिन्दी फिल्म है। [१]ग्रामीण कथाबस्तु के अधहर पर इसी फिल्म का निर्देशन प्रशांत नन्द ने दिया था। खूद प्रशांत नन्द उसमे मुखी अभिनेता का भूमिका पर था और ज़रीना  वाहब अभिनेत्री थे। इसी फिल्म पहले ओडिआ भाषा में बने हुए हिट फिल्म " शेष श्राबाण " के आधार पर बनी थी।  [२]

कहानी 

गंगा नदी के किनारे एक प्रकृतिक सुंदरता से भरा एक गाँव लखीपुरा में कहानी का नायक सोनू एक "नैया " ( नाब चालक  ) हिसाब में अपना गुजारा करता रहता था। एक बार वो नदी से एका महिला को डूबते हुए देखा और उन्हे उद्धहार किया। उसे वो अपने घर लेकर अपने बुजुर्ग माँ के साथ उनका हिफाजत किया। उन्हे पता चला की महिला ( गीता) एक सम्पन्न परिबार का था। अछे होने के बाद उन्हे उनका परिबार को लेकर गया। पर उनकापिता माता नहीं थे। गीता का चाचा और चाची उन्हे ग्रहण करने के लिए मना कर दिये। मजबूरन सोनू उन्हे फिर से अपने घर लाये। सोनू का माँ उन्हे सोनू के साथ शादी करबना चाहते थे। पर सोनू का माँ का तबीयत इस वक़्त खराब हुआ और उनका देहांत हो गया। अकेले सोनू गीता का देखरेख करते रहे। गाँव बाले उसे बिरोध करते हुए उन्हे अपने संप्रदाय से अलग कर दिये। सोनू गीता के लिए एक अछे लड़के की तलाश में जुटते रहे।   एक बार एक डाक्टर के साथ गीता का शादी पक्का किए। पर शादी के दिन वो नहीं आए। एसी हिसाब से फिल्म का  कहानी सुंदर  गति से चलते रहे।  

संगीत 

संगीतकार रबीन्द्र जैन इसी फिल्म का संगीत बहुत ही मधुर हिसाब से दिये हैं। उसका " ओ गोरैया रे .... " [३], " बेपरवाह बेदर्दी .... " " ऊंची नीची लहरें ...." इत्यादि गीत जेशुदास , हेमलता , सुरेश वाड्कर बहुत सुरील हिसाब से दिये हैं। बॉक्स ऑफिस पर फिल्म बहुत ज्यादा सफलता नहीं पाया था , पर लोग और फिल्म समालोचकों ने उसे अछे फिल्म का दर्जा दिये थे।  

ଆଧାର

साँचा:ଆଧାର