तेन्जिङ नोर्गे शेर्पा
को अनुप्रेषित:
तेन्जिङ नोर्गे शेर्पा एक नेपाली पर्वतारोही थे जिन्होंने एवरेस्ट और केदारनाथ के प्रथम मानव चढ़ाई के लिए जाना जाता है । एडमंड हिलेरी के साथ वे पहले व्यक्ति हैं जिसने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहला मानव कदम रखा । इसके पहले पर्वतारोहण के सिलसिले में वो चित्राल और नेपाल में रहे थे ।
जीवन
तेन्जिंग का जन्म उत्तरी नेपाल में थेम नामक स्थान पर 1914 में एक शेरपा बौद्ध परिवार में हुआ था । सन् १९३३ में वे कुछ महीनों के लिए एक भिक्षु बनने का बाद नौकरी की तलाश में दार्जीलिंग आ गए जो अब भारतीय बंगाल के उत्तर में स्थित है । एक ब्रिटिश मिशन में शामिल होने के बाद उन्होंने कई एवरेस्ट मिशनों में हिस्सा लिया और अंततः २९ मई सन् १९५३ को सातवें प्रयास में उनको सफलता मिली । न्यूज़ीलैंड के सर एडमंड हिलेरी इस मिशन में उनके साथ थे ।
व्यक्तिगत जीवन
उन्होंने तीन शादिया कीं - पहली पत्नी, दावा फुती से उनको तीन संतान हुई । पहला लड़का चार साल की उम्र में मर गया, जबकि जुड़वां बहने - आंग निमा और पेम पेम के जन्म के बाद दावा फुती का निधन (१९४४) हो गया । उसके बाद उन्होंने आंग ल्हामु से शादी की । ल्हामु को तेनज़िंग की पर्वतारोही जिन्दगी का संबल माना जाता है, हाँलांकि उनसे तेन्ज़िंग को कोई संतान नहीं हुई । इसी समय उन्होंने ल्हामु की (च्चेरी) बहन डाकु से शादी की । दाकु की ३ संताने हुईं - नोव्बु, जामलिंग और धामे । उनकी एक संतान जामलिंग ने सन् १९९६ में एवरेस्ट आरोहण में सफलता अर्जित की ।
सम्मान और कीर्ति
उनको नेपाल सरकार की ओर सन् १९५३ में सम्मान (सुप्रदीप्त मान्यवर नेपाल तारा) प्रदान किया और उनके एवरेस्ट आरोहण के तुरंत बाद रानी बनी एलिज़ाबेथ ने जार्ज मेडल दिया जो किसी भी विदेशी को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान था । सन् १९५९ ने भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया ।
- एक स्विस कंपनी ने उनके नाम से शेरपा तेनसिंग लोशन और लिप क्रीम बेचा ।
- न्यूज़ीलैंड की एक कार का नाम शेरपा रखा गया ।
- सन् २००८ में नेपाल के लुकला एयरपोर्ट का नाम बदल कर तेनज़िंग-हिलेरी एयरपोर्ट कर दिया गया ।