2019 भारत में ग्रीष्म लहर

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2019 भारत में ग्रीष्म लहर
2019 भारत में ग्रीष्म लहर is located in भारत
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सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र
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मृत्यु बिहार में 184, साथ ही दूसरे राज्यों में दर्जनों और

मई 2019 के मध्य से भारत को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। जबसे देश ने मौसम सम्बंधी रिपोर्ट निकालना शुरू किया है, यह तब से अब तक की सबसे लम्बी ग्रीष्म लहरों में से एक है। सर्वाधिक तापमान राजस्थान के चूरू में स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। तक पहुंच गया,[३] जो भारत के आज तक के सबसे उच्च तापमान के रिकार्ड के क़रीब है। भारत में एक उच्च रिकॉर्ड है। [४] अगर 12 जून तक की बात करें, तो यह ग्रीष्म लहर 32 दिन तक चला, जो अब तक का दूसरा सबसे बड़ा रिकार्ड है।।[५]

भीषण गरमी और प्रशासन की अपर्याप्त तैयारी की वजह से बिहार में 184 से अधिक लोग मारे गए हैं, [६] देश के अन्य हिस्सों से भी कई और मौतों की सूचना मिली है। [७] [८] उत्तर और दक्षिण भारत दोनों में हालत ख़राब है।

गर्मी की लहर के साथ-साथ इस वक़्त देश भर में चरम सूखे और पानी की कमी की समस्या भी है। मध्य जून में जो जलाशय पहले चेन्नई के लिए पानी उपलब्ध करने के लिए पर्याप्त थे, वे सूख गए। इसका परिणाम यह हुआ कि चेन्नई के लाखों लोग अब पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। यह संकट उच्च तापमान और अपर्याप्त तैयारी के कारण जितना होना चाहिए था उससे ज़्यादा भीषण है। इस कारण वहाँ विरोध और झगड़े देखे गए हैं, जिसके कारण लोगों की मौत हो गई है, छुरा घोंपा और पीटा गया है। [९] [१०] [११]

पृष्ठभूमि

मानव प्रभावित जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के चलते दुनिया भर में गर्मी की लहरें अधिक भीषण हो गई हैं। साथ ही साथ इनकी नित्यता में भी बढ़ोतरी हुई है।[१२] [१३] [१४] अपने 15 सबसे गरम वर्षों में से 11 का अनुभव भारत ने 2004 के बाद किया है। [१५] भारत में गर्मी की लहरों की आवृत्ति और अवधि में वृद्धि हुई है और इसके बढ़ते रहने की भविष्यवाणी की जा रही है। भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Tropical Meteorology) ने दो मुख्य कारण बताए हैं:

  1. "एल नीनो मोदोकी", जो एक अनियमित एल नीनो है जहां मध्य प्रशांत महासागर पूर्वी भाग की तुलना में गर्म हो जाता है; और
  2. मिट्टी में नमी की कमी- जो कि पेड़ों की कमी के कारण होती है। परिणामस्वरूप वातावरण में कम वाष्पन-उत्सर्जन (evapotranspiration) होता है, जिससे और अधिक गर्मी वातावरण में जाती है। [१६] [१७]

ग्रीष्म लहरों से बढ़ती मौतों के प्रतिकरियस्वरूप 2013 में भारत सरकार ने कई जीवनरक्षक उपाय लागू करना शुरू कर दिए। उदाहरण के लिए, अहमदाबाद में, "स्कूलों में छुट्टी कर दी गई थी, सरकारी कामकाज बंद हो गए थे और व्यस्त इलाकों में मुफ्त पानी वितरित किया गया था।" लोगों को छाया प्रदान करने के लिए दिन के समय सार्वजनिक उद्यान खोल दिए गए। सार्वजनिक स्वास्थ्य के प्रोफेसर पार्थसारथी गांगुली के अनुमान के मुताबिक़ इन नीतियों की वजह से 2014 में 800 से ज़्यादा लोगों की जानें बचाई जा सकीं। [१८]

आमतौर पर भारत में (मानसून की वजह से) बारिश 1 जून से शुरू होती है। किंतु 2019 में इसे सात दिन की देरी हुई और बारिश 8 जून से हुई। इस कारण मानसून ने सामान्य से धीमी गति से प्रगति की और 19 जून तक देश के केवल 10 से 15% तक बारिश हुई। आम तौर पर साल के इस वक़्त तक देश के दो-तिहाई हिस्से में मानसून की वर्षा होती थी। बरसात की कमी ने ग्रीष्म लहर को और तेज कर दिया है। परिणामस्वरूप देश के कई हिस्सों में पानी की कमी हो गई है। [१९]

प्रभाव

ग्रीष्म लहर के कारण कई मौतें और बीमारियों के मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र में 31 मई 2019 तक गर्मी के कारण 8 मौतें और 456 बीमारी के मामले दर्ज किए गए, वहीं तेलंगाना में कम से कम 17 मौतें और आंध्र प्रदेश में 3 मौतें और हीट स्ट्रोक के 433 मामले सामने आए। [१६] 10 जून 2019 को गरमी के चलते झांसी में एक ट्रेन में तीन यात्री मारे गए, और एक चौथे यात्री को गंभीर हालत में पाया गया ।उसे अस्पताल लाया गया जहाँ पर उनकी मौत हो गई। [२०]अल जज़ीरा के अनुसार 18 जून तक अकेले बिहार में गर्मी के कारण 184 मौतें हो चुकी हैं, [६] जबकि ज़ी न्यूज़ के अनुसार 19 जून 2019 को यही मृत्यु दर 139 थी। [२१] कुल मौतें कितनी हुई हैं, फ़िलहाल बता पाना कठिन है।

सम्पूर्ण भारत के विभिन्न शहरों में उच्च तापमान के रिकार्ड या तो टूट गए हैं या लगभग टूट गए हैं। एक समय तो ऐसा भी आया जब दुनिया के दुनिया के 15 सबसे गर्म स्थानों में से 11 देश में स्थित थे। [१५] 2 जून 2019 को चूरू शहर का तापमान स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। दर्ज किया गया, जो देश के उच्चतम तापमान स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। से कम केवल 0.2 डिग्री कम था। यह तापमान 2016 की गर्मी की लहर के दौरान मापा गया था। [४] 9 जून 2019 को प्रयागराज में पारा अपने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। पहुंच गया। [१५] 10 जून 2019 को दिल्ली में तापमान स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। पहुंच गया, जून के महीने में शहर के लिए एक नया रिकॉर्ड ऊँचा। [२२] [२३] [२४] इसके अलावा उसी दिन, दिल्ली में बिजली का उपयोग पिछले सभी रिकॉर्डों को तोड़ते हुए 6,686 मेगावाट तक पहुंच गया। [५]

पानी की कमी

पूरे भारत के कई राज्यों में सूखे और पानी की कमी से गर्मी की स्थिति बिगड़ रही है। चेन्नई में, लाखों लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं। वर्षाजल और भूजल की कमी के चलते चार जलाशय छोड़कर बाक़ी सभी को पूरी तरह सूखा दिया है। पानी की मांग को पूरा न कर पाने की वजह से होटल और रेस्तरां जैसे व्यवसायों को बंद होने के लिए मजबूर होना पड़ा है। तमिलनाडु के सूखे से अप्रभावित क्षेत्रों से पानी के टैंकर शहर में पानी ला रहे हैं। चूँकि सरकारी टैंकरों को पहुँचने में एक महीने तक का समय लग सकता है, इसलिए कुछ अमीर निवासियों और व्यापार मालिकों ने महंगे निजी पानी के टैंकरों का भुगतान करने का विकल्प चुना है। झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीबों के पास यह विकल्प नहीं है। [९]

पानी के संकट से निपटने में कोयंबटूर शहर की सरकार भी असमर्थ रही। इस नाकामी का विरोध करने के लिए लोग सड़क पर उतर आए, जिनमें से कम से कम 550 को गिरफ्तार किया गया था। [१०]

इसके अलावा झारखंड और मध्य प्रदेश में भी पानी के चलते लड़ाइयाँ देखने को मिलीं।[२५]

गरमी का प्रकोप जानवरों पर भी पड़ रहा है। मध्य प्रदेश के एक जंगल से कई बंदरों के मरने की ख़बर आई है। पशु चिकित्सक अरुण मिश्रा का कहना है कि 30-35 बंदरों के बड़े समूह के साथ पानी को लेकर संघर्ष के कारण ऐसा हुआ होगा। मिश्रा ने कहा कि यह "दुर्लभ और अजीब" था क्योंकि शाकाहारी जीव-जंतु अक्सर इस तरह लड़ाई नहीं करते हैं।[२६]

बिहार में इंसेफेलाइटिस का प्रकोप

बिहार में एक एन्सेफलाइटिस प्रकोप का संभावित कारण ग्रीष्म लहर है, जिसकी वजह से 1 जून से 100 से अधिक बच्चों की जान चली गयी है। [२७] [२८]

प्रतिक्रिया

भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) का लक्ष्य यह था कि इस वर्ष गर्मी से संबंधित मौतों को एकल अंकों से ज़्यादा न बढ़ने जाए। 2018 में सार्वजनिक सुरक्षा उपायों के चलते ग्रीष्म लहर के कारण होने वाली मौतों को 20 से आगे नहीं बढ़ने दिया गया था। उदाहरण के तौर पर, देश भर के सरकारी कर्मचारियों ने जागरूकता अभियान चलाए और मुफ्त में पानी वितरित किया। हालांकि 2019 में राष्ट्रीय आम चुनाव होने के चलते ये चुनावी कर्तव्यों का पालन कर रहे थे, जिस वजह से ग्रीष्म लहर की चेतावनियाँ जारी करने में चूक हो गयी । [२९]

जून के प्रारंभ में, भारतीय मौसम विभाग ने राजस्थान और दिल्ली जैसे आस-पास के इलाकों में भीषण गर्मी की चेतावनी जारी की थी।[४] स्वास्थ्य मंत्रालय ने दोपहर और 3 बजे के बीच सूरज से बचने और शराब, चाय, और कॉफी नहीं पीने की सलाह दी। इस बीच NDMA ने सिर ढँकने और थोड़ी गीली चादर के नीचे सोने की सलाह दी थी। इसके अलावा यह भी सलाह दी कि घर के वे कमरे ढंक दिए जाएँ जो जो दो या दो से ज़्यादा कमरों में खुलते हैं, [३०]

सड़कों के लिए इस्तेमाल होने वाला डामर स्क्रिप्ट त्रुटि: "convert" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। तापमान होने पिघलने लगती है। इसलिए 3 जून को, चूरू सरकार ने उसे ठंडा करने और पिघलने से रोकने के लिए सड़कों पर पानी डाला। [३१]

इसके अलावा मध्य प्रदेश में भी पानी को लेकर झगड़े हुए। 7 जून को पानी के पीछे 7 लोगों की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। प्रतिक्रियास्वरूप 8 जून से पानी के टैंकरों और पानी के अन्य स्रोतों की दंगाइयों से रक्षा के लिए सरकार को पुलिस तैनात करनी पड़ी थी। [११]

17 जून को, गया (बिहार) की सरकार ने धारा 144 लागू किया (जो कार्यकारी मजिस्ट्रेट को एक क्षेत्र में चार से अधिक व्यक्तियों की एक सभा को प्रतिबंधित करने का अधिकार देती है)। साथ ही साथ 11 से 4 बजे के बीच निर्माण कार्य और विधानसभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। [२१]

संदर्भ

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  2. साँचा:cite web
  3. स्क्रिप्ट त्रुटि: "citation/CS1" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है।
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