2017 हरियाणा दंगे
2017 हरियाणा दंगे | |||||||||
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आहत | |||||||||
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2017 में गुरमीत राम रहीम सिंह को यौन उत्पीड़न का दोषी ठहराये जाने के बाद हरियाणा के पंचकुला में हिंसा शुरू हुई और बाद में उत्तरी भारत के अन्य राज्यों में फैलने लगी, जिसमें हरियाणा, पंजाब और राजधानी नई दिल्ली शामिल है। इस उपद्रव के कारण कम से कम 31 लोग मारे गए और 300 से अधिक लोग घायल हुए। प्रदेश सरकार निष्क्रिय साबित हुई
घटना
25 अगस्त 2017 को दोपहर 3 बजे के आसपास सीबीआई की जांच एजेंसी ने डेरा सच्चा सौदा के दो महिला अनुयायियों के 2002 में हुए यौन उत्पीड़न मामले में अपना फैसला सुनाया। इस फैसले में गुरमीत राम रहीम सिंह को दोषी ठहराया गया। उसे 28 अगस्त 2017 को सजा सुनाया जाएगा। उसे कम से कम सात साल की सजा हो सकती है। इसके बाद सिंह को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया। सिंह ने फैसले से पहले अपने अनुयायियों को शांत रहने का अनुरोध किया था।
23 अगस्त 2017 से ही हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के क्षेत्रों में सुरक्षा का इंतजाम किया गया था, क्योंकि सिंह के दो लाख समर्थकों ने फैसले से पहले ही पंचकुला में अपना डेरा बना लिया था।[१] सुरक्षा के लिए 97 सीआरपीएफ कंपनियों के साथ साथ 16 रैपिड एक्शन फोर्स; 37 सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी); 12 भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और 21 सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को रखा गया था। इसके अलावा 10 अन्य कंपनियों को अलग से रखा था।[२]
हिंसा
फैसले की खबर मिलते ही सिंह के समर्थकों ने हिंसा शुरू कर दी। रेलवे में काम करने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि उन लोगों ने दो रेल स्टेशन में आग लगाई और रेवा एक्सप्रेस के खाली पड़े दो कोच में भी आग लगा दी थी, जो दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन में था। इन लोगों ने डागरु रेलवे स्टेशन में भी आग लगाने की कोशिश की थी। इन लोगों ने एनडीटीवी के प्रसारण करने वाले वैन और उसके इंजीनियर पर भी हमला कर दिया। सिरसा में इंडिया टुडे में काम करने वाले कैमरामैन और अन्य लोगों पर भी हमला किया गया था। उसी दिन पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने गुरमीत राम रहीम सिंह की संपत्ति जब्त करके हिंसा के नुकसान की भरपाई करने का फैसला किया।[३]