हुदहुद (चक्रवात)
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अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान (आईएमडी पैमाना) | |
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श्रेणी 4 उष्णकटिबंधीय चक्रवात (SSHWS) | |
गठन | अक्टूबर ७, २०१४ |
व्यस्त | वर्तमान में सक्रिय |
उच्चतम हवाएं | 3-मिनट निरंतर : 175 किमी/घंटा (110 मील प्रति घंटा) 1-मिनट निरंतर : 215 किमी/घंटा (130 मील प्रति घंटा) |
सबसे कम दबाव | 960 hPa (mbar); 28.35 inHg (JTWC द्वारा साँचा:convert अनुमानित[१]) |
मौत | कुल २४[२] |
नुकसान | $१.६३ बिलियन (२०१४ डॉलर)[३] |
प्रभावित क्षेत्र | अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह, आंध्र प्रदेश, ओडिशा |
2014 उत्तर हिंद महासागर चक्रवात मौसम का हिस्सा |
हुदहुद एक उष्णकटिबंधीय चक्रवाती तूफान है। यह उत्तरी हिंद महासागर में बना २०१४ का अब तक का सबसे ताकतवर तूफान है। इसका नाम हुदहुद नामक एक पक्षी के नाम से लिया गया है। इसके नाम का सुझाव ओमान ने दिया।
इतिहास
- यह ६ अक्टूबर को अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह से होते हुए १२ अक्टूबर को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में टकराया। १२ अक्टूबर से पहले इसकी गति बढ़ते-बढ़ते २१५ किलो मीटर प्रति घंटे तक पहुँच गई थी। इस तूफान के कारण ३८ रेल यात्राओं को रद्द कर दिया गया।
- ७ अक्टूबर को यह उत्तरी हिंद महासागर में बना व पहली बार दिखाई दिया।
- ८ अक्टूबर को यह अण्डमान और निकोबार से होते हुए बंगाल की खाड़ी में गया। इसके बाद यह ८ से ११ अक्टूबर तक यहीं विकराल रूप व अपनी गति अधिक करता रहा।
- ११ अक्टूबर को इसके कारण ओडिशा व आंध्र प्रदेश में तेज हवा के साथ वर्षा होने लगी।
- १२ अक्टूबर को यह आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में २१५ किलो मीटर प्रति घंटे की गति से टकराया। इसी रात ११ से १२ के मध्य यह छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले से होते हुए ५० किलो मीटर की गति से पहुँचा व अगले दिन के सुबह यह चला गया। इसके बाद कई स्थानो में वर्षा हुई।
- १३ अक्टूबर यह छत्तीसगढ़ में ५० किलोमीटर प्रति घंटे की गति से बस्तर से रायपुर संभाग की ओर गया।
- १४ अक्टूबर को इसके कारण दिल्ली व उत्तर प्रदेश में इसका प्रभाव दिखने लगा।
प्रभाव क्षेत्र
इस चक्रवात के लिए १२ अक्टूबर से पहले ही उड़ीसा व आंध्र प्रदेश में तैयारी किया गया था। इसका सबसे अधिक प्रभाव आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में पड़ा, जहाँ यह सबसे अधिक गति के साथ टकराया था।
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह
८ अक्टूबर को यह अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह में आया। इस तूफान से पहले ही यहाँ सारे कार्यालय व विद्यालयों को बंद रखने के निर्देश दिये गए थे। तूफान के समय कई पेड़ों के टूटने से इसके टुकड़े सड़क में आने व बिजली के तारो में गिरने के कारण सड़क व संचार व्यवस्था बंद रही। इसके पश्चात यह बंगाल की खाड़ी से होते हुए आंध्र प्रदेश की ओर चला गया।
आंध्र प्रदेश
हुदहुद तूफान आंध्र प्रदेश से १२ अक्टूबर को सुबह ११:३० को गुजरा।[४] यहाँ यह तूफान विशाखापत्तनम में जा कर टकरा गया।[५] तब इसकी गति २१५ किलो मीटर प्रति घंटे की थी।[६] इस तूफान के कारण लगभग २००० करोड़ का नुकसान हुआ है।
ओडिशा
ओडिशा सरकार ने १६ जिलों में चेतावनी जारी करते हुए सावधान रहने को कहा। वह जिले है- बालेश्वर, केद्रापड़ा,भद्रक, जगतसिंहपुर, पूरी, गंजाम्,मयूरभंज, जाजपुर, कटक, खुरधा, नयागढ़, गजपति, ढेंकनाल, केओंझर, मलकानगिरी और कोरापुट। यहाँ पर हवा की गति ९० किलो मीटर प्रति घंटे से अधिक चल चलने की आशंका मौसम विभाग ने व्यक्त की।
छत्तीसगढ़
१२ अक्टूबर को आंध्र प्रदेश और ओडिशा से होते हुए हुदहुद तूफान रात के ११:३० को बस्तर जिले से होते हुए गुज़रा। यहाँ इसकी गति ५० से ६० किलो मीटर प्रति घंटे की थी। इसके साथ-साथ यहाँ के कई स्थानो में भारी वर्षा हुई। १३ अक्टूबर के सुबह यह सुकमा जिले से होते हुए रायपुर की ओर गया।
मध्य प्रदेश
यहाँ इस तूफान का अधिक प्रभाव नहीं पड़ा परंतु अनुपपुर आदि स्थानो में हवा के साथ-साथ हल्की वर्षा भी हुई।
दिल्ली
इसके प्रभाव के कारण दिल्ली व उत्तर प्रदेश में भी हवाएँ चलने लगीं है।
उत्तर प्रदेश
इसके कारण १४ अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के कई स्थानो में भी इसका असर दिखा।[७]