हीनार्थ प्रबन्धन
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हीनार्थ प्रबन्धन (साँचा:lang-en) जब सरकार का बजट घाटे का होता है, अर्थात आय कम होती है और व्यय के इस आधिक्य को केंद्रीय बैंक से ऋण लेकर अथवा अतिरिक्त [१] पत्र मुद्रा निर्गमित कर पूरा किया जाता है ,तो यह व्यवस्था घाटे की वित्त व्यवस्था अथवा हीनार्थ प्रबन्धन कहलाती है। सीमित मात्रा में ही इसे उचित माना जाता है ,हीनार्थ प्रबन्धन को स्थायी नीति बना लेने के परिणाम अच्छे नहीं होते हैं।