हिंदुस्तान प्रीफैब लिमिटेड

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हिंदुस्तान प्रीफैब लिमिटेड भारत की सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (कंपनी) है।

परिचय एवं इतिहास

पाकिस्तान से विस्थापित होकर आए लोगों को जल्द आवास समाधान मुहैया कराने के उद्देश्य से 1948-49 9 में हिंदुस्तान प्रीफैब लिमिटेड़ की स्थापना की गई थी। सार्वजनिक क्षेत्र का यह केन्द्रीय उपक्रम आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय के तहत है। 2007-08 तक इसका संचित नुकसान 138.20 करोड़ रुपए और (-) 132.49 करोड़ रुपए की शुद्ध संपत्ति थी। सितंबर, 2004 से ही इसके कारखाने में उत्पादन ठप था। इस कंपनी का संचालन दिल्ली और आस-पास के इलाकों तक ही सीमित था। सरकार के बजटीय समर्थन के द्वारा वेतन का भुगतान किया जाता था। अपने भविष्य के प्रति अनिश्चितता की स्थिति के कारण कंपनी के कर्मचारी हतोत्साहित थे। औद्योगिक संबंध बेहद तनावपूर्ण थे। 1992 के बाद से कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन नहीं किया गया था।

सरकारी उद्यम पुनर्गठन बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर 20 अगस्त 2009 को केन्द्रीय मंत्रिमंड़ल ने कंपनी के वित्तीय पुनर्गठन को मंज़री दे दी। इसके लिए बिना किसी नकदी दिए कंपनी के 128 करोड़ रुपए के बकाया ऋणों और ब्याज को इक्विटी में तब्दील कर दिया गया। यह 01 अप्रैल 2008 से प्रभावी हुआ।

काम के ऑर्डर को सुरक्षित करने, सकल कारोबार में सुधार लाने, कर्मचारियों की शिकायतों का निवारण करने, उन्हें परियोजना स्थल तक ले जाने को प्रोत्साहित करने, निष्क्रिय कर्मचारियों को फिर से तैनात करने और अनुबंध के आधार पर लोगों को लाने वगैरह जैसे कई कदम उठाए गए। कर्मचारियों में विश्वास बढ़ाने और यह दर्शाने के लिए की मौजूदा प्रबंधन की दिलचस्पी व्यापार में है, उनके साथ बैठकों का आयोजन किया गया। 01 अप्रैल 2009 से कंपनी में नवीनतम वेतनमानों को लागू किया गया है। इससे कर्मचारियों में प्रबंधन के प्रति पूर्ण विश्वास जागृत हुआ है।

आज की तारीख में कंपनी के पास 2000 करोड़ रुपए का ऑर्डर है। हाल ही में मिज़ोरम सरकार द्वारा कंपनी को 450 करोड़ रुपए के सीवेज और ड्रेनेज परियोजना का ऑर्डर मिला है। इसके अलावा अन्य ऑर्डरों के अतिरिक्त कंपनी के पास भारतीय खाद्य निगम और असम राइफल्स के भी काफी बड़े ऑर्डर हैं।

राष्ट्रीय सीमाओं से आगे निकलकर कंपनी ने श्रीलंका में ‘आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों’ के लिए आवास परियोजना भी शुरु की है। अगस्त 2010 में लेह-लद्दाख (जम्मू और कश्मीर) में बादल फटने का शिकार हुए लोगों के लिए 450 पूर्वनिर्मित भवनों को पूरा करने के काम में एचपीएल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अन्य सीपीएसई से कार्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी निधियन से 85 दिनों के रिकॉर्ड समय में एचपीएल ने यह कार्य किया। इस उपलब्धि के लिए आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्री के माध्यम से प्रधानमंत्री ने भी एचपीएल की सराहना की थी।

कंपनी ने अपने मूल पूर्व निर्मित भवनों के व्यापार को स्वंय से ही दोबारा शुरु करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही परियोजना प्रबंधन सेवाओं की मौजूदा गतिविधि भी जारी रहेगी। इसने सेल के साथ आपसी सहमति के समझौते पर हस्ताक्षर भी किए हैं और तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता रिपोर्ट प्राप्त की है। इसे शुरु करने की प्रक्रिया अपने उन्नत चरणों में है।

बाहरी कड़ियाँ

चित्र:हिंदुस्तान प्रिफैब लिमिटेदड