हाफ़िज़ शिराज़ी

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आध्यात्मिक कवि, सूफ़ी
जन्मसाँचा:br separated entries
मृत्युसाँचा:br separated entries
शांतचित्त स्थानसाँचा:br separated entries
Venerated inसाँचा:if empty
साँचा:nowrapहाफ़िज़ का मज़ार, शिराज़, ईरान
प्रभावितइब्न अरबी, ख़्वाजु किरमानी, मनसूर, सनाई, अनवरी, निज़ामी गंजवी, सादी, ख़ाकानी, अत्तार निशापुरी
प्रभावित कियाफ़ारसी कवी, गोएथे
साँचा:longitemसूफ़ीवाद शायरी (ग़ज़ल, इरफ़ान)
साँचा:nowrapदीवान ए हाफ़िज़

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ख़्वाजा शम्स-अल-दीन (शम्सुद्दीन) मोहम्मद हाफ़िज़ शिराज़ी (फ़ारसी: خواجه شمس‌الدین محمد حافظ شیرازی, १३२५-१३८९) एक विचारक और कवि थे जो अपनी फ़ारसी ग़जलों के लिए जाने जाते हैं। [१][२] हाफ़िज़ शिराज़ी के नाम से जाने जाते हैं। [२] उनकी कविताओं में रहस्यमय प्रेम और भक्ति का मिला जुला असर दिखता है जिसे सूफ़ीवाद के एक स्तंभ के रूप में देखा जाता है। उनकी ग़ज़लों का दीवान (कविता संग्रह), ईरान में, हर घर में पाई जाने वाली किताबों में से एक है और लगभग सभी भाषाओं में अनूदित हो चुका है। उनकी मज़ार ईरान के शिराज़ शहर में स्थित है जहाँ उन्होने अपना पूरा जीवन बिताया।

जीवनी

फ़ारसी संस्कृति पर उनके अमिट छाप के बावजूद उनकी ज़िन्दगी के शुरुआती दौर के बार में कुछ तथ्यपूर्ण जानकारी नहीं है। किंवदन्तियों के मुताबिक अपनी नौजवानी में एक रोटी बनाने वाली दुकान पर काम करते थे जहाँ पर उनको शाख़-ए-नबात नामक स्त्री से एकतरफ़ा प्रेम हो गया। मिलन की आशा न देखकर उन्होंने कविताएँ लिखना शुरु कीं जो बाद में क़ुरान और अत्तार से बहुत प्रभावित हुईँ। उनकी कविताओं में प्रेम, धर्म और दिखावे वाली ज़िन्दगी का मज़ाक मुख्य रूप से मिलता है।

हाफ़िज़ शिराज़ी का मज़ार शहर शीराज़ में।

सन्दर्भ

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बाहरी कड़ियाँ

हाफ़िज़ की कविताओं का अंग्रेज़ी अनुवाद