स्वामी सारदानन्द

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स्वामी सारदानन्द

स्वामी सारदानन्द
जन्म साँचा:br separated entries
मृत्यु साँचा:br separated entries
गुरु/शिक्षक Ramakrishna Paramahansa
दर्शन [बेदान्त]]
कथन Through selfless work the mind gets purified. And when the mind becomes pure, there arise knowledge and devotion in it.
धर्म हिन्दू
दर्शन [बेदान्त]]
के लिए जाना जाता है साँचा:if empty

स्वामी सारदानन्द (23 दिसम्वर,1865 -19 अगष्ट, 1927) रामकृष्ण परमहंस के संन्यासी शिष्यों में से एक थे। उनका पूर्वाश्रम का नाम शरतचन्द्र चक्रबर्ती था। रामकृष्ण मिशन की स्थापना के बाद वे इसके प्रथम संपादक बने और मृत्यु तक इस पद पर बने रहे। श्रीमाँ शारदा देवी के रहने के लिए उन्होंने कोलकाता में उद्वोधन भवन का निर्माण करवाया और बांग्ला पत्रिका उद्बोधन का प्रकाशन किया। सारदानन्दने श्रीरामकृष्ण लीलाप्रसंग नामक विख्यात पुस्तक की रचना की।

रचना

स्वामी सारदानन्द ने रामकृष्ण की प्रामाणिक जीवनी ग्रंथ "श्रीरामकृष्ण लीलाप्रसंग" की रचना की। पाँच खंडों में रचित यह ग्रंथ रामकृष्ण की जीवनीयोँ में सर्वश्रेष्ठ हैँ। इसके अतिरिक्त वे 'भारत में शक्तिपूजा' और 'गीतातत्व' नामक दो पुस्तक भी लिखे।

आगे अध्ययन के लिए

  • स्वामी सारदानन्द, रामकृष्ण मठ, नागपुर
  • स्वामी गंभीरानन्द . रामकृष्ण भक्तमालिका. रामकृष्ण मठ, नागपुर

सन्दर्भ

  • स्वामी सारदानन्द, रामकृष्ण मठ, नागपुर
  • स्वामी गंभीरानन्द . रामकृष्ण भक्तमालिका. रामकृष्ण मठ, नागपुर

बाहरी कड़ियाँ