स्वातंत्र्य कोटि
नेविगेशन पर जाएँ
खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
किसी निकाय के स्वातंत्र्य कोटि (degrees of freedom) से आशय उस तन्त्र में उपस्थित प्राचलों (पैरामीटर्स) की संख्या से है जो परस्पर निर्भर न हों बल्कि स्वतन्त्र हों। उदाहरण के लिये, किसी समतल में स्थित बिन्दु यदि केवल उस समतल में चलने के लिये स्वतन्त्र है तो उसकी स्वातंत्र्य कोटि '२' है।
'स्वातंत्र्य कोटि' का उपयोग कई क्षेत्रों में होता है, जो नीचे दिये गये हैं-
- (४) स्वातंत्र्य कोटि समस्या ( Degrees of freedom problem) - मोटर की गति को नियंत्रित करने की एक समस्या
__DISAMBIG__