स्वर्गपक्षी तारामंडल
स्वर्गपक्षी या एपस (अंग्रेज़ी: Apus) तारामंडल खगोलीय गोले के दक्षिणी भाग में दिखने वाला एक तारामंडल है। यह बहुत ही छोटा तारामंडल है और इसके सितारे भी कम रोशन हैं। इसकी परिभाषा लगभग ४०० वर्ष पूर्व दो डच नाविकों ने की थी, जिन्होनें पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध (हेमिसफ़्येअर) से नज़र आने वाले १० अन्य तारामंडलों की भी परिभाषा की।[१]
नाम की उत्पत्ति
यूनानी भाषा में "एपस" का अर्थ होता है "बिना पैर वाला"। यह नाम स्वर्गपक्षी (बर्ड ऑफ़ पैराडाइज़) पर रखा गया था क्योंकि यह माना जाता था कि उनके पाऊँ नहीं होते, हालंकि बाद में यह एक मिथ्या साबित हुई।
तारे और अन्य वस्तुएँ
स्वर्गपक्षी तारामंडल में चार मुख्य तारे हैं, हालांकि वैसे इसमें १२ तारों को बायर नाम दिए जा चुके हैं। सन् २०११ तक इनमें से किसी के भी इर्द-गिर्द कोई भी ग़ैर-सौरीय ग्रह परिक्रमा करता हुआ नहीं पाया गया था। इस तारामंडल में खगोलशास्त्रियों की दिलचस्पी वाले कुछ तारागुच्छ हैं और एक आई॰सी॰४६३३ नामक नीहारिका (नेब्युला) भी है।