स्पाइडर लड़कियाँ

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गंगा और जमुना मोंद्ल
जन्म अयारा और जयारा रतुन
1969 या 1970
बसीरहाट, पश्चिम बंगाल, भारत
राष्ट्रीयता भारतीय
जातीयता भारतीय
नियोक्ता ड्रीमलैंड सर्कस
वेतन £26 पाउण्ड स्टर्लिंग एक रात में
प्रसिद्धि कारण जुड़ी हुई जुड़वाँ बहनें
धार्मिक मान्यता हिन्दू
जीवनसाथी गदाधर
बच्चे एक मृत बच्ची

स्पाइडर लड़कियाँ, या स्पाइडर गर्ल्स (हिन्दी: मकड़ी लड़कियाँ) भारत के पश्चिम बंगाल राज्य की जन्म से जुड़ी हुईं दो जुड़वाँ बहनों का पेशेवर नाम है। इनका नाम असल में गंगा और जमुना मोंद्ल है (जन्म का नाम: अयारा और जयारा रतुन, जन्म: 1969 या 1970) तथा ये बसीरहाट शहर की निवासी हैं।[१]

बहनें एक सर्कस में काम करती हैं और 2009 की रिपोर्ट के अनुसार अच्छी कमाई भी कर लेती हैं। सर्कस के ही एक कर्मचारी गदाधर से ये विवाहित हैं। 1993 में इन्होंने एक बच्ची को जन्म दिया था परन्तु उसकी जन्म के कुछ ही घंटो पश्चात मृत्यु हो गई थी। विभिन्न कारणों से इन्होंने अलग न होने का निर्णय लिया है।

रोजगार

बहनें भारत के ड्रीमलैंड सर्कस में काम करती हैं, जो जगह-जगह जा कर सर्कस लगाने वाली कम्पनी है।[२] अपने कार्य के अंतर्गत इन्हें तम्बू के अंदर एक चारपाई के ऊपर बैठना होता है, जहाँ पैसे चुका कर दर्शक इनसे बात करते हैं तथा इनकी "विचित्र" संरचना को देखते हैं। वर्ष 2009 में एक रिपोर्ट के अनुसार ये पाँच घंटे में £26 (ब्रिटिश पाउण्ड) तक कमा लेती हैं। दोनो बहनें सर्कस में ही काम करने वाले एक आदमी गदाधर से विवाहित हैं।[१]

शारीरिक रचना

ये जुड़वाँ बहनें पेट और श्रोणि से जुड़ी हुईं हैं, इनके चार हाथ और तीन पैर हैं, जिनमें से दो आपस में मिले हुए हैं, नौ-पंजो का अंग है जो इनके शरीर के पीछे हमेशा छिपा रहता है। इनका पेट एक ही है परन्तु दो दिल हैं, दो गुर्दे, एक जिगर और एक प्रजनन तंत्र है।[३][१]

बहनों को डॉक्टरो द्वारा जांचा जा चुका है, यह पता करने के लिए कि क्या इन्हें अलग करना सम्भव है या नहीं। परन्तु इनका अलग होने का कोई इरादा नहीं है चूँकि इनके अनुसार ऐसा करना भगवान की इच्छा के विरुद्ध होगा, इस प्रक्रिया में चिकित्सा जोखिम काफ़ी है और ऐसा करने से इनका रोजगार भी इनके हाथ से चला जाएगा। इन्होंने कहा है कि "हम जैसी हैं हम वैसे ही खुश हैं। परिवार भूखा हो रहेगा अगर हम अलग होती हैं"।[१][४]

निजी जीवन

बहनों के जन्म का नाम अयारा और जयारा रतुन था परन्तु इनके माता-पिता ने इनका पाँच वर्ष की आयु में गंगा और जमुना नदियों के सम्मान में नाम बदल कर गंगा और जमुना कर दिया था।[४]

हालांकि इनके पास अपने अलग-अलग राशन कार्ड है, परन्तु खाना ये एक ही थाली में खाती हैं। ये चुनाव के दौरान अलग-अलग वोट देती हैं, परन्तु जब इन्होंने बैंक में सयुंक्त खाता खुलवाना चाहा तब इन्हें मना कर दिया गया।[१]

1993 में इन्होंने शल्य प्रसव द्वारा एक बच्ची को जन्म दिया था, परन्तु जन्म के कुछ ही घंटो पश्चात उसकी मृत्यु हो गई थी।[५][६]

सन्दर्भ