सेंट पॉल कैथेड्रल (अम्बाला)
सेंट पॉल कैथेड्रल (अम्बाला) | |
---|---|
1868 में सेंट पॉल चर्च | |
सामान्य जानकारी | |
कस्बा या शहर | साँचा:ifempty |
देश | भारत |
निर्देशांक | स्क्रिप्ट त्रुटि: "geobox coor" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। |
पूर्ण | 1857 |
खोली गई | साँचा:ifempty |
नष्ट | साँचा:ifempty |
Number of कमरे | साँचा:ifempty |
सेंट पॉल कैथेड्रल भारत के राज्य हरियाणा के अम्बाला जिले की अम्बाला छावनी में स्थित एक गिरजाघर है, यह इस क्षेत्र के सबसे पुराने गिरजाघरों में से एक है। 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तानी विमानों द्वारा की गयी बमबारी में इस गिरजाघर की इमारत का अधिकांश भाग नष्ट हो गया और आज सिर्फ गिरजाघर का बुर्ज (टॉवर) ही बचा है। आज इसके पादरी-निवास (पार्सनेज) के एक हिस्से की प्रतिष्ठा करके उसे गिरजाघर की तरह प्रयोग किया जा रहा है। बमबारी में क्षतिग्रस्त होने से पहले यह एक बेहद आलीशान इमारत थी और इसका परिसर 21 एकड़ में फैला था जिसका अधिकतर हिस्सा आज भारतीय वायु सेना ने एक विद्यालय तथा अन्य सुविधाओं के निर्माण के लिए अधिग्रहीत कर लिया है और आज यह वायु सेना स्कूल के परिसर में स्थित है।
इतिहास
सेंट पॉल कैथेड्रल पर काम 1855 में शुरू हुआ था। यह एक दुर्ग-गिरजा (गैरीसन चर्च) था और छावनी क्षेत्र में इसका निर्माण सैनिकों के प्रयोग के लिए किया गया था। सैनिक किसी भी सैनिक अभियान पर जाने से पहले यहां प्रार्थना करते थे। इसके निर्माण से पहले ब्रिटिश सेना द्वारा इस गिरजाघर का एक लकड़ी का मॉडल तैयार किया गया था। सेंट पॉल गिरजाघर की प्रतिष्ठा (कॉन्सेक्रेशन या पवित्रा) 4 जनवरी 1857 को की गयी थी। यह एक बेहद आलीशान इमारत थी और इसका परिसर 21 एकड़ में फैला था। 1857 में आजादी की पहली लड़ाई के दौरान अंग्रेजों ने इस गिरजाघर में शरण ली थी।
3 अप्रैल 1925 को लेफ्टिनेंट कर्नल जीसी हॉबसन की अध्यक्षता में 25 सदस्यों की एक बैठक आयोजित की गई थी। बैठक के बाद इस गिरजाघर को चर्च ऑफ इंग्लैंड से लाहौर डियोसीज़ (धर्मप्रदेश) को स्थानांतरित कर दिया गया। अप्रैल 1925 में, हेरोल्ड स्पूनर को अम्बाला का पादरी बनाया गया। 1947 में देश के विभाजन के बाद, इस गिरजाघर को लाहौर डियोसीज़ से अमृतसर डियोसीज़ स्थानांतरित कर दिया गया और उसके बाद इसे अमृतसर डियोसीज़ से दिल्ली डियोसीज़ को स्थानांतरित कर दिया गया।
युद्ध में बमबारी
सितम्बर 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तानी बमवर्षक विमानों द्वारा की गयी लगातार बमबारी से इस इमारत को बहुत क्षति पहुँची। माना जाता है कि पाकिस्तानी विमान नजदीकी एअरफील्ड और सेना के अस्पताल को निशाना बनाना चाहते थे पर उनका निशाना चूक गया और बम गिरजाघर से आ टकराये। भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी ने इस हमले के बाद गिरजाघर का दौरा किया था। हमले के बाद गिरजाघर के इंग्लैंड में बने विशाल घंटे को पादरीनिवास के पास स्थानांतरित कर दिया गया।