सूचना प्रौद्योगिकी
सूचना प्रौद्योगिकी (साँचा:lang-en) आँकड़ों की प्राप्ति, सूचना संग्रह, सुरक्षा, परिवर्तन, आदान-प्रदान, अध्ययन, डिज़ाइन आदि कार्यों तथा इन कार्यों के निष्पादन के लिये आवश्यक कम्प्यूटर हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर अनुप्रयोगों से सम्बन्धित है। सूचना प्रौद्योगिकी, वर्तमान समय में वाणिज्य और व्यापार का अभिन्न अंग बन गयी है। सञ्चार क्रान्ति के फलस्वरूप अब दूरसञ्चार को भी सूचना प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख घटक माना जाने लगा है और इसे सूचना एवं सञ्चार प्रौद्योगिकी भी कहा जाता है। एक उद्योग के तौर पर यह एक उभरता हुआ क्षेत्र है।
परिभाषा
- 1. सूचना प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित सङ्क्षिप्त विश्वकोश में -
सूचना प्रौद्योगिकी को सूचना से सम्बद्ध माना गया है। इस प्रकार के विचार कम्प्यूटिङ्ग का शब्दकोश (डिक्शनरी ऑफ़ कम्प्यूटिंग) में भी व्यक्त किए गए है। 'मैकमिलन डिक्शनरी ऑफ़ इनफ़ोर्मेशन टेक्नोलाॅजी' में सूचना प्रौद्योगिकी को परिभाषित करते हुए यह विचार व्यक्त किया गया है कि कम्प्यूटिङ्ग और दूरसञ्चार के संमिश्रण पर आधारित माईक्रो-इलेक्ट्रानिक्स द्वारा मौखिक, चित्रात्मक, मूलपाठ विषयक और सङ्ख्या सम्बन्धी सूचना का अर्जन, संसाधन (प्रोसेसिङ्ग), भण्डारण और प्रसार है।
- 2. अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार सूचना प्रौद्योगिकी को इन शब्दों मे परिभाषित किया गया है-
सूचना प्रौद्योगिकी का अर्थ है, सूचना का एकत्रिकरण, भण्डारण, प्रोसेसिङ्ग, प्रसार और प्रयोग। यह केवल हार्डवेयर अथवा सॉफ़्टवेयर तक ही सीमित नहीं है। बल्कि इस प्रौद्योगिकी के लिए मनुष्य की महत्ता और उसके द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करना, इन विकल्पों के निर्माण में निहित मूल्य, यह निर्णय लेने के लिए प्रयुक्त मानदण्ड है कि क्या मानव इस प्रौद्योगिकी को नियन्त्रित कर रहा है। और इससे उसका ज्ञान संवर्धन रहा है।
- 3. युनेस्को के अनुसार सूचना प्रौद्योगिकी की परिभाषा -
सूचना प्रौद्योगिकी, "वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीय और अभियान्त्रिकी (इञ्जीनियरिङ्ग) विषय है। और सूचना की प्रोसेसिङ्ग, उनके अनुप्रयोग की प्रबन्ध तकनीकें है। कम्प्यूटर और उनकी मानव तथा मशीन के साथ अन्त:क्रिया एवं सम्बद्ध (सम्बद्ध) सामाजिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक विषय।'
कारक
- अर्धचालक प्रौद्योगिकी : परिपथों का लघुकरण, कम्प्यूटिङ्ग शक्ति में वृद्धि, उन्नत क्षमता युक्त एकीकृत परिपथों का विकास
- सूचना भण्डारण : आँकडा भण्डारण क्षमता में अत्यधिक वृद्धि हुई है।
- नेटवर्किङ्ग : प्रकाशीय तन्तुओं (आप्टिकल फाइबर) का तकनीकी में अत्यधिक विकास होने के कारण नेटवर्किङ्ग सस्ती, तेज और आसान हो गयी है।
- साफ्टवेयर तकनीकी : नित नए-नए और उपयोगी साफ्टवेयरों के आने से सूचना प्रौद्योगिकी और अधिक उपयोगी बन गयी है।
इस कारण यह उपयोगी है।
सूचना प्रौद्योगिकी का महत्त्व
- सूचना प्रौद्योगिकी, सेवा अर्थतंत्र (Service Economy) का आधार है।
- पिछड़े देशों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए सूचना प्रौद्योगिकी एक सम्यक तकनीकी (appropriate technology) है।
- गरीब जनता को सूचना-सम्पन्न बनाकर ही निर्धनता का उन्मूलन किया जा सकता है।
- सूचना-संपन्नता (सूचना-सम्पन्नता) से सशक्तिकरण होता है।
- सूचना तकनीकी, प्रशासन और सरकार में पारदर्शिता लाती है, इससे भ्रष्टाचार को कम करने में सहायता मिलती है।
- सूचना तकनीक का प्रयोग योजना बनाने, नीति निर्धारण तथा निर्णय लेने में होता है।
- यह नये रोजगारों का सृजन करती है।
- सूचना प्रौद्योगिकी की सहायता से सरकारी नीतियों को असरदार बनाया जा सकता है ।
साथ ही लोकतंत्र (लोकतन्त्र) की सभी पहलुओं को जन केंद्रित (केन्द्रित) किया जा सकता है ।
सूचना प्रौद्योगिकी के विभिन्न घटक
- कंप्यूटर हार्डवेयर प्रौद्योगिकी
इसके अन्तर्गत माइक्रो-कम्प्यूटर, सर्वर, बड़े मेनफ्रेम कम्प्यूटर के साथ-साथ इनपुट, आउटपुट एवं संग्रह (storage) करने वाली युक्तियाँ (devices) आतीं हैं।
- कंप्यूटर साफ्टवेयर प्रौद्योगिकी
इसके अन्तर्गत प्रचालन प्रणाली (Operating System), वेब ब्राउजर, डेटाबेस प्रबन्धन प्रणाली (DBMS), सर्वर तथा व्यापारिक/वाणिज्यिक साफ्टवेयर आते हैं।
- दूरसंचार व नेटवर्क प्रौद्योगिकी
इसके अन्तर्गत दूरसंचार के माध्यम, प्रक्रमक (Processor) तथा इंटरनेट से जुडने के लिये तार या बेतार पर आधारित साफ्टवेयर, नेटवर्क-सुरक्षा, सूचना का कूटन (क्रिप्टोग्राफी) आदि हैं।
- मानव संसाधन
तंत्र प्रशासक (System Administrator), नेटवर्क प्रशासक (Network Administrator) आदि
सूचना प्रौद्योगिकी का प्रभाव
सूचना प्रौद्योगिकी ने पूरी धरती को एक गाँव बना दिया है। इसने विश्व की विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं को जोड़कर एक वैश्विक अर्थव्यवस्था को जन्म दिया है। यह नवीन अर्थव्यवस्था अधिकाधिक रूप से सूचना के रचनात्मक व्यवस्था व वितरण पर निर्भर है। इसके कारण व्यापार और वाणिज्य में सूचना का महत्व अत्यधिक बढ गया है। इसीलिए इस अर्थव्यवस्था को सूचना अर्थव्यवस्था (Information Economy) या ज्ञान अर्थव्यवस्था (Knowledge Economy) भी कहने लगे हैं। वस्तुओं के उत्पादन (manufacturing) पर आधारित परम्परागत अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ती जा रही है और सूचना पर आधारित सेवा अर्थव्यवस्था (service economy) निरन्तर आगे बढती जा रही है।
सूचना क्रान्ति से समाज के सम्पूर्ण कार्यकलाप प्रभावित हुए हैं - शिक्षा (e-learning), स्वास्थ्य (e-health), व्यापार (e-commerce), प्रशासन, सरकार (e-govermance), उद्योग, अनुसंधान व विकास, संगठन, प्रचार, धर्म, आदि सब के सब क्षेत्रों में कायापलट हो गया है। आज का समाज सूचना समाज कहलाने लगा है।
सूचना प्रौद्योगिकी का भविष्य
सूचना के महत्व के साथ सूचना की सुरक्षा का महत्व भी बढ़ेगा। सूचना प्रौद्योगिकी से जुड़े कार्यों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, विशेष रूप से सूचना सुरक्षा एवं सर्वर के विशेषज्ञों की मांग बढ़ेगी।
इतिहास
सूचना प्रौद्योगिकी विभिन्न कालखण्डों में अपने समय की सूचना से सम्बन्धित समस्याओं (इन्पुट, प्रसंस्करण, आउटपुट, संचार आदि) को हल करने की जिम्मेदारी सम्भालती है। अतः इसके इतिहास को चार मूल कालखण्डों में बांटा जा सकता है-
- (१) यांत्रिक युग के पूर्व (Premechanical)
- (२) यांत्रिक युग (Mechanical)
- (३) विद्युतयांत्रिक युग (Electromechanical), तथा
- (४) एलेक्ट्रॉनिक युग (Electronic)
भारत में सूचना प्रौद्योगिकी
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भाषा, अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। भाषा मानव जीवन का अभिन्न अंग है। संप्रेषण के द्वारा ही मनुष्य सूचनाओं का आदान प्रदान एवं उसे संग्रहित करता है। सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक अथवा राजनीतिक कारणों से विभिन्न मानवी समूहों का आपस में संपर्क बन जाता है। गत शताब्दी में सूचना और संपर्क के क्षेत्र में अद्भुत प्रगति हुई है। इलेक्ट्राॅनिक माध्यम के फलस्वरूप विश्व का अधिकांश भाग जुड़ गया है। सूचना प्रौद्योगिकी क्रान्ति ने ज्ञान के द्वार खोल दिये है। बुद्धि एवं भाषा के मिलाप से सूचना प्रौद्योगिकी के सहारे आर्थिक संपन्नता की ओर भारत अग्रसर हो रहा है। इंटरनेट द्वारा डाक भेजना, इलेक्ट्राॅनिक वाणिज्य, संभव हुआ है। ऑनलाईन सरकारी कामकाज विषयक ई-प्रशासन, ई-बैंकिंग द्वारा बैंक व्यवहार ऑनलाईन, शिक्षासामग्री के लिए ई-एज्यूकेशन आदि माध्यम से सूचना प्रौद्योगिकी का विकास हो रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी के बहुआयामी उपयोग के कारण विकास के नये द्वार खुल रहे हैं।
भारत में सूचना प्रौद्योगिकी का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। इस क्षेत्र में विभिन्न प्रयोगों का अनुसंधान करके विकास की गति को बढाया गया है। सूचना प्रौद्योगिकी में सूचना, आँकडे (डेटा) तथा ज्ञान का आदान प्रदान मनुष्य जीवन के हर क्षेत्र में फैल गया है। हमारी आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, व्यावसायिक तथा अन्य बहुत से क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी का विकास दिखाई पड़ता है। इलेक्ट्रानिक तथा डिजीटल उपकरणों की सहायता से इस क्षेत्र में निरंतर प्रयोग हो रहे हैं। आर्थिक उदारतावाद के इस दौर के वैश्विक ग्राम (ग्लोबल विलेज) की संकल्पना संचार प्रौद्योगिकी के कारण सफल हुई है। इस नये युग में ई-कॉमर्स, ई-मेडीसिन, ई-एज्यूकेशन, ई-गवर्नंस, ई-बैंकिंग, ई-शॉपिंग आदि इलेक्ट्राॅनिक माध्यमों का विकास हो रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी आज शक्ति एवं विकास का प्रतीक बनी है। कंप्यूटर युग के संचार साधनों में सूचना प्रौद्योगिकी के आगमन से हम सूचना समाज में प्रवेश कर रहे हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के इस अधिकतम देन के ज्ञान एवं इनका सार्थक उपयोग करते हुए, उनसे लाभान्वित होने की सभी को आवश्यकता है।
सन्दर्भ
इन्हें भी देखें
- भारत में सूचना प्रौद्योगिकी
- सूचना तंत्र
- अन्तरजाल
- सूचना
- अभिकलन (कम्प्युटिंग)
- आंकड़ा प्रसंस्करण
- स्वास्थ्य सूचना प्रौद्योगिकी
- सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT)
- सूचना प्रबंधन
- ज्ञान समाज
- संगणक विज्ञान (Computer Science)
बाहरी कड़ियाँ
- सूचना प्रौद्योगिकी क्या हैं? (हिन्दी शब्द, परिभाषा एवं सचित्र व्याख्या)
- वैश्विक सूचना प्रौद्योगिकी रिपोर्ट, 2015
- Impact of Information Technology on Societal Development and E-Governance
- The significance of information and communication technologies for reducing poverty
- The Importance of Information Technology In Today's Worldसाँचा:category handlerसाँचा:main otherसाँचा:main other[dead link]