सूक्ष्मतरंग चूल्हा

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एक सूक्ष्मतरंग चूल्हा
मैग्नेट्रॉन का विद्युत परिपथ : इसके लिये उच्च वोल्टता (४०००-५००० वोल्ट) की आवश्यकता होती है।)

सूक्ष्मतरंग चूल्हा, या माइक्रोवेव चूल्हा एक रसोईघर उपकरण है जो कि खाना पकाने और खाने को गर्म करने के काम आता है। इस कार्य के लिये यह चूल्हा द्विविद्युतीय (dielectric) उष्मा का प्रयोग करता है। यह खाने के भीतर उपस्थित पानी और अन्य ध्रुवीय अणुओं को सूक्ष्मतरंग विकिरण का उपयोग करके गर्म करता है। यह गर्मी पूरे भोजन मे काफी हद तक समान रूप से फैलती है (मोटी वस्तुओं को छोड़कर)। यह सुविधा किसी भी अन्य उष्मीय तकनीक में उपलब्ध नहीं होती है। मैग्नेट्रॉन इसका मुख्य अवयव है जो सूक्ष्मतरंगे पैदा करता है।

सूक्ष्मतरंग चूल्हा खाने को जल्दी, कुशलतापूर्वक और सुरक्षित रूप से गर्म करता है, लेकिन एक पारंपरिक तंदूर की तरह भोजन को भूनता या सेंकता नहीं है इस कारण यह कुछ खाद्य पदार्थों को पकाने या कुछ प्रभावों को प्राप्त करने के लिए अनुपयुक्त माना जाता है। सूक्ष्मतरंग चूल्हे मे खाना पकाना कई सुरक्षा मुद्दों से जुडा़ है, जैसे चूल्हे के बाहर सूक्ष्मतरंग विकिरण का रिसाव और आग का खतरा क्योंकि यह उच्च तापमान का प्रयोग करता है। एक प्रमुख दृष्टिकोण है कि यह भोजन, की गुणवत्ता को घटाता है शायद इसका कारण इसके साथ जुडा़ शब्द विकिरण है लेकिन वास्तव मे इसमे पका खाना उतना ही सुरक्षित होता है जितना किसी अन्य स्रोत से पका खाना।

सूक्ष्मतरंग चूल्हे ने भोजन तैयार करने मे क्रान्तिकारी परिवर्तन किया है और आज यह हर घर की आवश्यकता बन गये हैं।

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