सुंदरराजन पद्मनाभन

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जनरल
सुंदरराजन पद्मनाभन
परम विशिष्ठ सेवा पदक , अति विशिष्ठ सेवा पदक , विशिष्ठ सेवा पदक
उपनाम Paddy
जन्म साँचा:br separated entries
देहांत साँचा:br separated entries
निष्ठा साँचा:flag
सेवा/शाखा साँचा:army
सेवा वर्ष 1959-2002
उपाधि General of the Indian Army.svg General
दस्ता Artillery Insignia.gif Regiment of Artillery
नेतृत्व IA Southern Command.jpg Southern Army
IA Northern Command.jpg Northern Army
Director General Military Intelligence (DGMI)
XV Corps
सम्मान Param Vishisht Seva Medal ribbon.svgParam Vishisht Seva Medal
Ati Vishisht Seva Medal ribbon.svgAti Vishisht Seva Medal
Vishisht Seva Medal ribbon.svgVishisht Seva Medal

जनरल सुंदरराजन पद्मनाभन पीवीएसएम , एवीएसएम , वीएसएम (५ दिसंबर १९४० को तिरुवनंतपुरम , त्रावणकोर में जन्म ), भारतीय सेना के पूर्व सेनाध्यक्ष हैं । जनरल पद्मनाभन ३० सितंबर २००० को जनरल वी पी मलिक के उत्तराधिकारी बने। [१] उन्होंने चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। [१] [२]

१९५६ में पद्मनाभन ने भारतीय राष्ट्रीय सैन्य कॉलेज में शिक्षा ग्रहण की। बाद में पद्मनाभन राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल हो गए और १९५९ में आर्टिलरी के रेजिमेंट में दाखिला लिया । [३]

उन्होंने दिसंबर १९८८ से फरवरी १९९१ तक रांची ,बिहार और पंजाब में एक इन्फैंट्री ब्रिगेड का नेतृत्व किया और उन्हें मार्च १९९१ से अगस्त १९९२ तक पंजाब के एक इन्फैंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने सितंबर १९९२ से जून १९९३ तक चीफ ऑफ स्टाफ, III कोर के रूप में कार्य किया । लेफ्टिनेंट जनरल पद पर पदोन्नति के बाद, वह जुलाई १९९३ से फरवरी १९९५ तक कश्मीर घाटी में XV कोर के कमांडर थे। यह उनके कार्यकाल के दौरान XV कोर कमांडर के रूप में सेना ने कश्मीर में आतंकवादियों पर बड़ी विजय प्राप्त की । उन्हें XV कॉर्प्स कमांडर के रूप में उनकी सेवाओं के लिए अति विशिष्ट सेवा पदक (एवीएसएम) से सम्मानित किया गया था।

जनरल पद्मनाभन ने १९९६ ने उधमपुर में उत्तरी कमान के जीओसी-इन-सी के रूप में पदभार संभालने के बाद महानिदेशक सैन्य (खुफिया) (डीजीएमआई) पद पर नियुक्ति हुई । १९९६ को सेनाध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने से पहले , वह दक्षिणी कमान के जीओसी-इन-सी थे। वह ३१ दिसंबर २००२ को प्रतिष्ठित सैन्य सेवा से ४३ साल से अधिक पूरा करने के बाद सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने दो किताबें लिखी हैं। वे वर्तमान में चेन्नई में निवास करते है।

लेखक

जनरल पद्मनाभन 2004 के उपन्यास "Writing on the Wall" सहित अनेक भारतीय सैन्य कथा पुस्तकों के लेखक भी हैं।

सम्मान और पुरस्कार

सैन्य पुरस्कार

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Param Vishisht Seva Medal Ati Vishist Seva Medal Vishisht Seva Medal

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सन्दर्भ

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