सारन स्कूल मध्याह्न् भोजन विषाक्तता हादसा

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सारन स्कूल मध्याह्न् भोजन विषाक्तता हादसा वह घटना है जिसमें 16 जुलाई 2013 के दिन सरकार द्वारा उप्लब्ध करवाए जाने वाले मध्याह्न् भोजन को खा कर नवसृजित प्राथमिक विद्यालय धरमसती के कम से कम 22 विद्यार्थियों की मृत्यु हो गई थी। विद्यालय बिहार राज्य के सारन जिले के मशरख़ ब्लॉक की जजौली पंचायत में स्थित है।[१] मौतों और बीमारियों से नाराज ग्रामीण हिंसक विरोध के साथ सड़कों पर उतर आए।

घटना

16 जुलाई 2013 को धरमसती प्राथमिक स्कूल में चार और बारह वर्ष की उम्र के बीच के बच्चों को मध्याह्न भोजन योजना के तहत पकाया गया खाना परोसा गया, बच्चों ने शिकायत कि खाना चखने में अजीब है। जिन बच्चों ने भोजन के प्रति सवाल उठाया उन्हें प्रधानाध्यापिका ने डांटा। इससे पहले रसोइया ने विद्यालय के नए खाना पकाने के तेल के बारे में प्रधानाध्यापिका को बताया कि यह देखने और गंध में अजीब था। उन्होंने कहा कि तेल एक स्थानीय किराने की दुकान से खरीदा गया है और उपयोग करने के लिए सुरक्षित है। भोजन की विषाक्तता के साथ अस्पताल में भर्ती हुई रसोइया ने प्रेस को बताया कि तेल जार के तल पर अवशिष्ट कचरे के संचय था।[२][३]

लगभग 30 मिनट के बाद, बच्चों को पेट में दर्द शुरू हुआ और उसके बाद शीघ्र ही उल्टी और दस्त होने लगे। बीमार बच्चों की संख्या विद्यालय और स्थानीय चिकित्सा प्रणाली पर भारी पड़ी और कुछ बीमार बच्चों को अपने माता-पिता के साथ घर भेज दिया जिस से उन्हें अपने दम पर मदद लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। सरकारी गिनती के अनुसार 22 बच्चों की संदूषित भोजन के कारण मृत्यु हो गई। तथापि अभिभावकों और स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार कम से कम 27 की मृत्यु हो गई थी। चार अन्य लोगों को स्थानीय अस्पताल में आगमन पर मृत घोषित कर दिया गया, जबकि सोलह बच्चों का घटना स्थल पर ही निधन हो गया। अन्य लोगों का अस्पताल में निधन हो गया। मृतकों में महिला रसोइया के दो बच्चे थे भी शामिल थे। कई बच्चों की जाँच करने वाले एक डॉक्टर के मुताबिक बच्चों के सीने में गंभीर रक्ताधिक्य था और पुतलियाँ फैली हुई थी। कुल 48 छात्र दूषित भोजन से बीमार हुए। इकतीस बच्चों को आगे के इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल से पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्थानांतरित किया गया।[४][५][६]

सन्दर्भ