सामाजिक लेखा

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सामाजिक लेखा या सामाजिक अंकेक्षण (साँचा:lang-en) किसी भी कार्यक्रम अथवा क्रिया, जिसका सम्बन्ध प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से समाज से होता है, के सामाजिक निष्पति के मूल्यांकन से संबंधित प्रक्रिया है। इसका प्रयोग किसी कार्य के प्राथमिक स्तर अर्थात् उद्भव से लेकर क्रियान्वयन एवं उस क्रियानवयन के दीर्घकाल तक के प्रभावों की स्वतन्त्र व निष्पक्ष जाँच और उस जाँच में परिलक्षित कमियों में सुधार का परीक्षण, औचित्यता के साथ किया जाता है ताकि समाज के हित में हर स्तर तक विकास हो सके। सामान्यतः सामाजिक लेखा में इस बात का लेखा-जोखा किया जाता है कि किसी संस्था के आर्थिक क्रियाकलापों का समाज एवं पर्यावरण पर क्या और कितना असर हुआ। प्राय: सामाजिक लेखा की बात किसी व्यापारिक या औद्योगिक प्रतिष्ठान के सन्दर्भ में की जाती है। सामाजिक लेखा, परम्परागत लेखा (विशेषकर वित्तीय लेखा से) से कई अर्थों में भिन्न है। परम्परागत लेखा में समाज और संस्था के परस्पर सम्बन्धों एवं आदान-प्रदान को बहुत कम महत्व दिया जाता है। इसके विपरीत सामाजिक लेखा में लेखा के संकल्पना को अधिक विस्तृत कर दिया जाता है -

  • सामाजिक लेखा आर्थिक घटनाओं के अतिरिक्त अन्य बातों को भी सम्मिलित करती है;
  • यह केवल वित्तीय शब्दावली में ही अभिव्यक्त नहीं की जाती है।

बाहरी कड़ियाँ

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