चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य का साँची अभिलेख
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साँची का अभिलेख जिसमें चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य द्वारा दान देने का उल्लेख है। | |
सामग्री | पत्थर |
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Created | 375 – 415 ई. |
वर्तमान स्थान | साँची, भारत |
चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य का साँची शिलालेख सांची में स्थित एक अभिलेख है। इसमें चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ( लगभग 375-415 ई) द्वारा एक बौद्ध प्रतिष्ठान को दान देने का उल्लेख है । इसकी तिथि गुप्त काल का 93वाँ वर्ष है।
स्थिति
वर्तमान समय में सांची भारत के मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित है। यह शिलालेख मुख्य स्तूप के पूर्वी द्वार के निकट ही बाईं ओर की रेलिंग पर अंकित है।
ऐतिहासिक महत्व
सांची के इतिहास तथा भारत की धार्मिक एकता की दृष्टि से इस अभिलेख का बहुत महत्व है। साँची के स्तूप का निर्माण काल १०० ईसापूर्व माना जाता है। इस अभिलेख के अनुसार इसके लगभग पाँच शताब्दी बाद यह दान दिया गया। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत के पारम्परिक धर्म (सनातन धर्म) और बौद्ध धर्म में परस्पर कोई विलगाव नहीं था। इस बात पर हंस टी बक्कर ने विशेष रूप से बल दिया है। [१]
सन्दर्भ
- ↑ Hans T. Bakker, "Royal Patronage and Religious Tolerance The Formative Period of Gupta–Vākāṭaka Culture," Journal of the Royal Asiatic Society 20.4 (2010): pp. 461– 475. Text only archived here: http://doi.org/10.5281/zenodo.845642, for JRAS DOI: https://doi.org/10.1017/S1356186310000301.