समेकित बाल संरक्षण योजना

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समेकित बाल संरक्षण योजना

समेकित बाल संरक्षण योजना (ICPS) महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ,भारत सरकार की एक विस्तृत योजना है जिसका उद्देश्य देश में बच्चों के लिए एक संरक्षणकारी वातावरण तैयार करना है 'यह एक केंद्रीय रूप से प्रायोजित योजना है जो न केवल गलीकूचों और कामकाजी बच्चों के लिए योजना ,किशोर न्याय का प्रशासन ,आदि जैसी, मंत्रालय की मौजूदा सभी बाल संरक्षण योजनाओं को एक छत्र के अंतर्गत लाती है,[१][२][३] बल्कि केंद्रीय बजट में बाल संरक्षण कार्यक्रमों के लिए अधिक आवंटन भी प्रस्तावित करती है' इस योजना का उद्देश्य बच्चों को कार्यक्षम और प्रभावकारी रूप से संरक्षण प्रदान करने वाली व्यवस्था के निर्माण के सरकार /राज्य के दायित्व को पूरा करने में योगदान करना है' यह "बाल अधिकारों की रक्षा" और "बच्चे के सर्वोत्ताम हित" के आधारभूत सिद्धांतों पर तथा किशोर न्याय (बच्चों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2000, संशोधित अधिनियम, 2006 और उसमें दी गई नियमावली पर आधारित है। यह देखरेख और संरक्षण के ज़रूरतमंद बच्चों और विधि का उल्लंघन करने वाले किशोरों का समग्रतापूर्ण विकास ,देखरेख, संरक्षण और उपचार के प्रति बाल-मैत्रीपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए किशोर न्याय अधिनियम और उसकी नियमावली को प्रोन्नत करती है ' समेकित बाल संरक्षण योजना (आईसीपीएस) के लक्ष्य इस प्रकार हैं: कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों के कल्याण में सुधार हेतु योगदान करना और साथ ही ऐसी असुरक्षाओं, स्थितियों और कार्रवाइयों में कमी लाना जिनकी वजह से बच्चे की उपेक्षा, शोषण और अलगाव जन्म लेते हैं ' समेकित बाल संरक्षण योजना का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण बाल संरक्षण सेवाओं में सुधार ला कर; बाल अधिकारों के बारे में जन जागरूकता पैदा करके; बाल संरक्षण के लिए जवाबदेही को लागू करके, आवश्यक सेवाओं का संस्थाकरण करके और वर्तमान ढांचों को मजबूत बना कर; कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों के लिए सांविधिक और सहायता सेवाएं प्रदान करने हेतु सरकार के सभी स्तरों पर कार्यशील ढांचों की स्थापना करके; साक्ष्य-आधारित अनुश्रवण और मूल्यांकन, सभी स्तरों पर क्षमताओं को बढ़ा कर; ज्ञान-आधार का निर्माण करके; और परिवार एवं समुदाय के स्तर पर बाल संरक्षण के कार्य का सुदृढ़ीकरण करके इन लक्ष्यों को प्राप्त करना है'

सन्दर्भ