संस्कृति मनीषी
संस्कृति मनीषी सम्मान हर वर्ष भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रदान किया जाता है। भारत सरकार द्वारा गठित दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी बोर्ड के अंतर्गत एक समिति योग्य उम्मीदवार का चयन करती है।[१] इस सम्मान में डेढ़ लाख रुपए एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। भारतीय संस्कृति, मानवीय मूल्यों, महापुरुषों के जीवन, भारत के गौरवशाली इतिहास और प्राचीन विज्ञान आदि से सम्बंधित आजीवन समग्र लेखन के लिए दिल्ली लाइब्रेरी बोर्ड, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दिया यह प्रतिष्ठित संस्कृति मनीषी सम्मान सर्वप्रथम प्रख्यात इतिहासकार तेजपाल सिंह धामा को प्रदान किया गया।[२]उत्कृष्ट सांस्कृतिक लेखन के लिए साहित्यकार सतीश मित्तल व रमेश चंद्र को 2016 के लिए संस्कृति मनीषी सम्मान दिया गया था।[३] 2017 के लिए डॉ. उदय प्रताप सिंह[४]और 2018 के लिए श्रीमती मधु धामा को संस्कृति मनीषी सम्मान[५][६][७]डॉ. महेश शर्मा, केंद्रीय मंत्री ने प्रदान किया गया। मधु धामा इस सम्मान को पाने वाली प्रथम महिला हैं।
सम्मान की स्थापना एवं उद्देश्य
संस्कृति मनीषी सम्मान की स्थापना भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने साहित्य में राष्ट्रवादी एवं सांस्कृतिक लेखन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की है।
अब तक सम्मानित विद्वान
- तेजपाल सिंह धामा
- सोनलाल रामरंग
- सतीश चंद्र मित्तल
- रमेश चंद्र
- डॉ. उदय प्रताप सिंह
- श्रीमती मधु धामा
- डॉ. हरिराम आचार्य