संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद्
चित्र:United Nations Human Rights Council Logo.svg संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का लोगो | |
संक्षेपाक्षर | यूएनएचआरसी |
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स्थापना | साँचा:if empty |
प्रकार | संयुक्त राष्ट्र प्रणाली अन्तर-सरकारी निकाय |
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साँचा:longitem क्षेत्र | साँचा:if empty |
साँचा:longitem | नजहत शमीम खान, परिषद के अध्यक्ष |
साँचा:longitem | संयुक्त राष्ट्र महासभा |
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जालस्थल | www.ohchr.org |
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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद , संयुक्त राष्ट्र संघ ने मानव अधिकार आयोग की स्थापना वर्ष 1946-47 में आर्थिक एवं सामाजिक परिषद की एक कार्यात्मक समिति के रूप में की थी, जिसका मुख्य कार्य-प्रतिवेदन तैयार करना, अधिकारों के अन्तरराष्ट्रीय बिल, नागरिक स्वतन्त्रता, स्त्री दशा एवं मानवाधिकार सम्बन्धी विषयों पर अपनी अनुशंसाएँँ प्रकट करना था। दिसम्बर 1993 में महासभा ने मानवाधिकार गतिविधियों के प्रति उत्तरदायित्व निश्चित करने के लिए मानवाधिकार उच्चायुक्त का पद सृजित किया। 15 मार्च, 2006 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक नई मानवाधिकार परिषद के गठन का प्रस्ताव पारित किया। इस 47 सदस्यीय मानवाधिकार परिषद ने 53 सदस्यीय मानवाधिकार आयोग का स्थान लिया है। आयोग को 16 जून, 2006 को समाप्त कर दिया गया तथा 19 जून, 2006 को परिषद प्रथम बैठक आयोजित की गई उल्लेखनीय है कि नई परिषद स्थायी है तथा प्रत्यक्ष रूप से महासभा के अधीनस्थ है। यह कहीं भी एवं किसी भी देश में मानवाधिकारों के उल्लंघन का गहन विश्लेषण कर सकेगी। इसका कार्य सार्वभौमिकरण, निष्पक्षता, वस्तुनिष्ठता एवं सृजनात्मक अन्तरराष्ट्रीय संवाद के सिद्धान्तों के अन्तर्गत निर्देशित होगा इसे समय पर सभी अभिकरणों एवं निकायों को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी ताकि मानवाधिकार उल्लंघन की व्यवस्थापरक ढँग से रोका जा सके। ज्ञातव्य है कि भारत मानवाधिकार परिषद का सदस्य देश है।
यूएन वूमेन
लैंगिक समानता व महिला सशक्तिकरण के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2 जुलाई 2010 को यूएन वूमेन या यूएन कम्पोजिट एंटिटी फॉर जेंडर इक्वेलिटी एंड एम्पॉवरमेंट ऑफ वूमेन विदइन यूएन के गठन को मंजूरी प्रदान की। इस संस्था ने 1 जनवरी, 2011 से अपना काम शुरू कर दिया। चिली की पूर्व राष्ट्रपति मिशेल बचेलेट यूएन वूमेन की पहली प्रमुख थीं। इस संस्था के अंतर्गत महिलाओं के लिए काम कर रहे संयुक्त राष्ट्र के चार संगठनों- यूएन डवलेपमेंट फंड फॉर वूमेन, डिवीजन फॉर एडवांसमेंट ऑफ वूमेन, द ऑफिस ऑफ द स्पेशल एडवाइजर ऑन जेंडर इशूज और द यूएन इंटरनेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट फॉर द एडवांसमेंट ऑफ वूमेन का विलय किया गया। इसके जरिए लिंग समानता को बढ़ावा देने तथा भेदभाव को समाप्त करने में मदद मिलेगी।
संस्था की भूमिकाएँँ
यह महिलाओं की स्थिति पर आयोग जैसे अंतर-सरकारी निकायों की उनके नीतियों के निर्धारण, वैश्विक मानक एवं दिशा-निर्देशन तैयारी में मदद करेगी तथा मांगे जाने पर यह देशों की उन मानकों के क्रियान्वयन करने तथा तकनीकी एवं वित्तीय मदद उपलब्ध करेगी। यह सुनिश्चित करेगी कि संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी एजेंसियाँँ और संस्थाएँँ लिंग समानता पर अपने वादे पर खरी उतरें।
सदस्य
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् के वर्तमान तथा पूर्व सदस्य देशों की सूची।
- वर्तमान सदस्य
Terms | अफ्रीकी देश (13) | एशियाई देश (13) | पूर्वी यूरोपियन देश (6) |
लैटिन अमेरिकी और कैरिबियन देश (8) |
पश्चिमी यूरोपियन देश & अन्य देश (7) |
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2016—19 | साँचा:flag/core साँचा:flag/core साँचा:flag/core साँचा:flag/core |
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2015—18.[१] | साँचा:flag साँचा:flag साँचा:flag साँचा:flag/core साँचा:flag |
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2014—17.[२] | साँचा:flag/core साँचा:flag/core साँचा:flag/core साँचा:flag/core |
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- पूर्व सदस्य
सन्दर्भ
- ↑ साँचा:cite web
- ↑ HRC > Current Membership of the Human Rights Council by regional groups. स्क्रिप्ट त्रुटि: "webarchive" ऐसा कोई मॉड्यूल नहीं है। Retrieved 15/05/2015.