श्रेणी:भारतीय स्वाधीनता संग्राम 1857 के सेनानी
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स्वतंत्र भारत के इस मन्दिर की नींव में पड़े हुए असंख्य पत्थरों को कौन भुला सकता है? जो स्वयं स्वाहा हो गए किन्तु भारत के इस भव्य और स्वाभिमानी मंदिर की आधारशिला बन गए। ऐसे ही एक नींव के पत्थर के रूप में थे, शरत चन्द्र दीक्षित, जिन्होंने 1857 की प्रथम संगठित महाक्रांति के यज्ञ में अपनी आहुति दी। शरत चन्द्र दीक्षित भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारी थे, जिन्हेंने रानी लक्ष्मीबाई के साथ, अंग्रेजो के खिलाफ लडते हुये राष्ट्र की स्वतंत्रता हेतु अपने प्राण त्याग दिए। इनके सुपुत्र कांतिवीर रूपचन्द्र दीक्षित रहे। जिन्होंने अपने प्राण तात्या टोपे की रक्षा करते हुये राष्ट्र को समर्पित किये।
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