श्री देव रामेश्वर मन्दिर
श्री देव रामेश्वर मंदिर | |
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Shri Dev Rameshwar Temple | |
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धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | साँचा:br separated entries |
देवता | भगवान रामेश्वर (शिव जी) |
त्यौहार | महाशिवरात्री |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | साँचा:if empty |
ज़िला | सिंधुदुर्ग ज़िला |
राज्य | महाराष्ट्र |
देश | साँचा:flag/core |
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भौगोलिक निर्देशांक | साँचा:coord |
वास्तु विवरण | |
निर्माता | साँचा:if empty |
निर्माण पूर्ण | 16वीं शताब्दी |
ध्वंस | साँचा:ifempty |
मंदिर संख्या | 1 |
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वेबसाइट | |
www |
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श्री देव रामेश्वर मन्दिर (Shri Dev Rameshwar Temple) भारत के महाराष्ट्र राज्य के सिंधुदुर्ग ज़िले के रामेश्वर वाड़ी गाँव में स्थित एक हिन्दू मन्दिर है। यह भगवान शिव को समर्पित है। इसका निर्माण 16वीं शताब्दी में हुआ था। यहाँ की मुख्य मूर्ति एक साँड पर विराजमान चतुर्भुज शिव की है, जो चांदी की बनी है और सौ किलोग्राम की कही जाती है।[१][२]
इतिहास
सन् 1763 में श्रीमंत माधवराव पेशवा ने सरखेल आनंदराव रुद्रजीराव धूलप को मराठा नौसेना का नौसेनाध्यक्ष नियुक्त करा। 1775 में माधवराव पेशवा ने गंगाधर भानु को विजयदुर्ग क्षेत्र का सूबेदार बनाया। 1780 में सूबेदार गंगाधर भानु ने एक विशाल सभा मण्डप बनवाया जिसमें 20 नक्काशी वाले लकड़ी के स्तम्भ थे। 18वीं शताब्दी के आरम्भ में मन्दिर के ढांचे, वास्तुशैली और आसपास के क्षेत्र में कई परिवर्तन व विकास करे गए। सरखेल आनंदराव धूलप ने मन्दिर के उत्तर और पूर्व में दो नए प्रवेशद्वार बनवाए। पूर्वी द्वार पर पहाड़ काटकर एक घाटी बनाई गई जिसमें मन्दिर तक का मार्ग बनाया गया। उन्होंने मन्दिर का मुख्य प्रवेश द्वार भी बनवाया। पूर्वी द्वार पर एक विशाल घंटी लटकी हुई है जिसपर सन् 1791 का वर्ष अंकित है और जिसे मराठा नौसेना ने एक कब्ज़े में करे गए पुर्तगाली समुद्री जहाज़ से लिया था। इसी नौका का मुख्य काठ का स्तम्भ मन्दिर घाटी के आरम्भ में मुख्य द्वार से सामने लगाया गया है।