शेरपुर, गाजीपुर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

शेरपुर भूमिहार ब्राह्मणों का एक बड़ा गांव है। शेरपुर, गाजीपुर से 35 किमी पर स्थित है। निकटतम रेलवे स्टेशन यूसुफपुर यहाँ से 8 किमी की दूरी पर है। शेरपुर, गाजीपुर जिले में मोहम्मदाबाद, बलिया के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग 19 से कुंडेसर के पास स्थित है। वाराणसी हवाई अड्डे से यह 110 किमी दूर है। अवधेश राय शास्त्री पूर्व विधायक इस गांव के हैं। शेरपुर स्वतंत्रता सेनानियों का गांव है शेरपुर से आठ लोग 1942 में 18 अगस्त को मोहम्मदबाद तहसील में ब्रिटिश राज के विरोध में शहीद हो गए।

यह गांव गंगा नदी के किनारेपर स्थित है। शेरपुर एक बड़ी ग्राम पंचायत है। शेरपुर कलाँ, शेरपुर खुर्द, सेमरा, शिव राय का पुरा और बच्छलपुर इस पंचायत का एक हिस्सा हैं।


स्वतंत्रता सेनानी- अमर शहीद डॉ शिव पूजन राय, वंश नारायण राय, वंश नारायण राय द्वितीय, वशिष्ठ नारायण राय, ऋषेश्वर राय, राजा राय, नारायण राय, राम बदन उपाध्याय शेरपुर के अष्टशहीद हैं। अब हम आपको इन आठो वीरों के शहीद होने की कहानी बताते हैं। उत्तर प्रदेश का जिला गाजीपुर जिसे लहुरी काशी के नाम से भी जाना जाता है उसकी मुहम्मदाबाद तहसील मुख्यालय पर 18 अगस्त 1942 को तिरंगा फहराने के प्रयास में आठ क्रान्तिकारी नौजवान आंदोलन के नेता डॉ शिवपूजन राय थे दरअसल मुहम्मदाबाद के आंदोलन के बाद गाजीपुर और बलिया जिले आजाद हो गए थे यहीं पर उन्होंने 18 अगस्त को फहराया था। 1942 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में ब्रिटिश सरकार से खुद को स्वतंत्र होने की घोषणा की थी। मुहम्मदाबाद के तहसीलदार ने अपने साथी सिपाहियों के साथ गोलियों की बौछार कर दी,एक एक कर आठ देशप्रेमी शहीद हो गए लेकिन झंडे को जमीन पर गिरने नहीं दिया।

अंग्रेजो ने 10 अगस्त को यहां 129 नेताओं के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया था। 19 अगस्त तक स्थानीय लोगों ने लगभग पूरे गाजीपुर पर कब्जा कर लिया और तीन दिनों तक यहां सरकार चलाते रहे। Ok

बाहरी कड़ियाँ=

गाजीपुर

सन्दर्भ