शाल्मलद्वीप

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
(शाल्मल द्वीप से अनुप्रेषित)
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

हिन्दु धर्म में विष्णु पुराण के अनुसार पृथ्वी का वर्णन इस प्रकार है। यह वर्णन श्रीपाराशर जी ने श्री मैत्रेय ऋषि से कियी था। उनके अनुसार इसका वर्णन सौ वर्षों में भी नहीं हो सकता है। यह केवल अति संक्षेप वर्णन है।

पृथ्वी के द्वीप

यह पृथ्वी सात द्वीपों में बंटी हुई है। वे द्वीप एस प्रकार से हैं:-

  1. जम्बूद्वीप
  2. प्लक्षद्वीप
  3. शाल्मलद्वीप
  4. कुशद्वीप
  5. क्रौंचद्वीप
  6. शाकद्वीप
  7. पुष्करद्वीप

ये सातों द्वीप चारों ओर से क्रमशः खारे पानी, इक्षुरस, मदिरा, घृत, दधि, दुग्ध और मीठे जल के सात समुद्रों से घिरे हैं। ये सभी द्वीप एक के बाद एक दूसरे को घेरे हुए बने हैं और इन्हें घेरे हुए सातों समुद्र हैं। जम्बुद्वीप इन सब के मध्य में स्थित है।

शाल्मल द्वीप का वर्णन

इस द्वीप के स्वामि वीरवर वपुष्मान थे। इनके सात पुत्रों : श्वेत, हरित, जीमूत, रोहित, वैद्युत, मानस और सुप्रभ के नाम संज्ञानुसार ही इसके सात भागों के नाम हैं। इक्षुरस सागर अपने से दूने विस्तार वाले शाल्मल द्वीप से चारों ओर से घिरा हुआ है। यहां भी सात पर्वत, सात मुख्य नदियां और सात ही वर्ष हैं।

पर्वत

कुमुद, उन्नत, बलाहक, द्रोणाचल, कंक, महिष, ककुद्मान नामक सात पर्वत हैं।

नदियां

योनि, तोया, वितृष्णा, चंद्रा, विमुक्ता, विमोचनी एवं निवृत्ति नामक सात नदियां हैं।

सात वर्ष

श्वेत, हरित, जीमूत, रोहित, वैद्युत, मानस और सुप्रभ नामक सात वर्ष हैं। यहां कपिल, अरुण, पीत और कृष्ण नामक चार वर्ण हैं। यहां शाल्मल (सेमल) का अति विशाल वृक्ष है। यह द्वीप मदिरा से भरे अपने से दुगुने विस्तार वाले सुरासमुद्र से चारों ओर से घिरा हुआ है।




देखें

बाहरी कड़ियाँ